मायावती का ऐलान, हिन्दू धर्म त्यागकर अपनाएंगी बौद्ध धर्म, सही समय का कर रहीं इंतजार
क्या है खबर?
बहुजन समाज पार्टी प्रमुख मायावती ने सोमवार को ऐलान किया कि वह सही समय आने पर बौद्ध धर्म अपना लेंगी।
वह भीमराव अंबेडकर का अनुसरण करेंगी जिन्होंने अपनी मौत से कुछ समय पहले बौद्ध धर्म अपना लिया था।
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में चुनाव प्रचार के दौरान नागपुर में एक रैली को संबोधित करते हुए उन्होंने ये बात कही।
इस दौरान उन्होंने भारत को हिंदू राष्ट्र बताने वाले राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) प्रमुख मोहन भागवत के बयान से असहमति जताई।
घोषणा
मायावती बोलीं- मैं भी लूंगी बौद्ध धर्म की दीक्षा
रैली को संबोधित करते हुए मायावती ने कहा, "बाबा साहब भीमराव अंबेडकर ने अपने देहांत से कुछ वक्त पहले अपना धर्म परिवर्तन किया था।"
उन्होंने आगे कहा, "आप लोग मेरे धर्म परिवर्तन के बारे में भी सोचते होंगे। मैं भी बौद्ध धर्म की अनुयायी बनने के लिए दीक्षा अवश्य लूंगी, लेकिन यह तब होगा जब इसका सही समय आ जाए। ऐसा तब होगा जब पूरे देश में बड़ी संख्या में लोग ऐसा धर्मांतरण करें।"
बयान
अंबेडकर के अनुयायी राजनीति जीवन में भी करें उनका अनुसरण- मायावती
अपने धर्म परिवर्तन के सही समय की बात करते हुए मायावती ने कहा कि धर्मांतरण की ये प्रक्रिया तभी संभव है जब बाबा साहब अंबेडकर के अनुयायी राजनीतिक जीवन में भी उनके बताए रास्ते का अनुसरण करें।
इतिहास
अंबेडकर ने 1956 में अपनाया था बौद्ध धर्म
बता दें कि संविधान बनाने वाली मसौदा समिति के अध्यक्ष रहे भीमराव अंबेडकर को भारत में दलित अधिकारों के लिए लड़ने वाला सर्वोच्च नेता माना जाता है।
1935 के आसपास एक घटना के बाद उन्होंने ऐलान किया था कि वह पैदा जरूर हिंदू हुए थे, लेकिन हिंदू मरेंगे नहीं।
इसके दो दशक बाद अप्रैल 1956 में उन्होंने हजारों दलितों और अछूतों के साथ बौद्ध अपना लिया। लेकिन इसके कुछ महीने दिसंबर में ही उनका निधन हो गया।
हिंदू राष्ट्र बयान प्रतिक्रिया
भागवत को जबाव, अंबेडकर ने धर्मनिरपेक्षता के आधार पर संविधान बनाया था
मायावती ने अपनी रैली में RSS सरसंघचालक मोहन भागवत के भारत को हिंदू राष्ट्र बताने वाले बयान पर भी असहमति जताई।
उन्होंने कहा, "बाबा साहब अंबेडकर ने धर्मनिरपेक्षता के आधार पर संविधान बनाया था। उन्होंने धर्मनिरपेक्षता के आधार पर सभी धर्म के लोगों का ख्याल रखा था।"
भागवत को सलाह देते हुए उन्होंने कहा कि RSS प्रमुख को इस तरह का बयान देने से पहले सच्चर समिति की रिपोर्ट पढ़नी चाहिए।
बयान
क्या कहा था भागवत ने?
बता दें कि पिछले शनिवार को ओडिशा के भुवनेश्वर में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए भागवत ने कहा था कि भारत हिंदुओं का देश हैं, हिंदू राष्ट्र हैं।
उन्होंने कहा था कि हिंदू किसी पूजा, भाषा, प्रांत-प्रदेश का नाम नहीं, हिंदू एक संस्कृति का नाम है जो भारत में रहने वाले सभी की सांस्कृतिक विरासत है।
इस दौरान उन्होंने पूरी दुनिया में भारत के मुस्लिम सर्वाधिक सुखी हैं क्योंकि हमारी संस्कृति हिंदू है।
धर्म परिवर्तन
मायावती पहले भी दे चुकी हैं बौद्ध धर्म में परिवर्तन की धमकी
वैसे ये पहली बार नहीं है जब मायावती ने बौद्ध धर्म अपनाने की बात कही है।
इससे पहले दिसंबर 2017 में भी वह धर्म परिवर्तन की धमकी दे चुकी हैं।
नागपुर में बसपा कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा था कि अगर RSS और भारतीय जनता पार्टी दलितों और पिछड़ी जातियों पर अपने अत्याचार और इन समुदायों का शोषण बंद नहीं करते तो वह अपने समर्थकों के साथ हिंदू धर्म छोड़कर बौद्ध धर्म अपना लेंगी।