सांसदी जाने के बाद महुआ मोइत्रा ने रखा अपना पक्ष, भाजपा पर बरसीं; जानें क्या-क्या कहा
पैसे लेकर संसद में सवाल पूछने के आरोपों में आज तृणमूल कांग्रेस (TMC) की सांसद महुआ मोइत्रा को लोकसभा से निष्कासित कर दिया गया। निष्कासित किए जाने के बाद लोकसभा के बाहर मीडिया से बात करते हुए महुआ ने पूरी कार्रवाई पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि उनके रिश्वत लेकर सवाल पूछने का कोई सबूत नहीं मिला। उन्होंने कहा कि जितनी जल्दबाजी में उन्हें निकाला गया है, वो दिखाता है कि भाजपा सरकार के लिए गौतम अडाणी कितने अहम हैं।
आचार समिति ने किया हर नियम का उल्लंघन- महुआ
संसदीय समिति के शस्त्रीकरण का आरोप लगाते हुए महुआ ने कहा कि आचार समिति जिसकी स्थापना सांसदों को नैतिक राह दिखाने के लिए हुआ था, उसका आज विपक्ष को डराने और उसे समर्पण के लिए मजबूर करने के लिए हथियार के तौर पर इस्तेमाल हो रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि समिति ने हर नियम का उल्लंघन किया है और उन्हें एक ऐसे नैतिक नियम के उल्लंघन के लिए निष्कासित किया गया है, जो है ही नहीं।
महुआ बोलीं- ऐसे कार्य के लिए सजा मिली, जो स्वीकृत है
महुआ ने दावा किया कि समिति ने उन्हें ऐसे कार्य के लिए सजा दी है, जो नियमित और स्वीकृत है और जिसे सदन में बढ़ावा दिया जाता है। उन्होंने कहा कि समिति की रिपोर्ट पूरी तरह से 2 ऐसे बाहरी व्यक्तियों के बयानों पर आधारित है, जिनके बयान विरोधाभासी हैं और जिनसे उन्हें जिरह करने का मौका नहीं दिया गया। उन्होंने कहा कि इनमें से एक व्यक्ति उनका पूर्व पार्टनर है, जो बदनीयत से आम नागरिक बनकर पेश हुआ।
महुआ ने उठाए देहाद्रेई और हीरानंदानी के विपरीत बयानों पर सवाल
महुआ ने कहा, "जिन 2 गवाहियों का इस्तेमाल उन्हें "फांसी पर लटकाने" के लिए किया गया है, वो एक-दूसरे के बिल्कुल विपरीत हैं। शिकायतकर्ता (पूर्व प्रेमी जय अनंत देहाद्रेई) ने कहा कि मैंने एक कारोबारी (दर्शन हीरानंदानी) से उसके हितों को बढ़ावा देने वाले सवाल पूछने के लिए नकदी और अन्य उपहार लिए। लेकिन कारोबारी ने अपने हलफनामे में कहा कि मैंने अपना एजेंडा आगे बढ़ाने के लिए उस पर सवाल अपलोड करने का दबाव डाला।"
मेरे कैश लेने का कोई सबूत नहीं- महुआ
महुआ ने कहा कि नैतिक समिति ने हीरानंदानी को मौखिक गवाही के लिए नहीं बुलाया। उन्होंने दावा किया कि उनके कैश या कोई उपहार लेने का कोई सबूत नहीं है। उन्होंने कहा कि उन्हें केवल लोकसभा का आईडी-पासवर्ड साझा करने के लिए निष्कासित किया गया है, लेकिन इसे लेकर कोई नियम नहीं है और सभी सांसद जनता के सवाल इकट्ठा कर उनकी तरफ से सवाल पूछते हैं।
मामले ने दिखाया, भाजपा के लिए अडाणी कितने अहम- महुआ
भाजपा सरकार पर निशाना साधते हुए महुआ ने कहा, "अगर मोदी सरकार को लगा था कि मुझे चुप कराकर उन्हें अडाणी मुद्दे से छुटकारा मिल जाएगा तो मैं बता देती हूं कि इस कंगारू कोर्ट ने पूरे भारत को दिखा दिया है कि जो जल्दबाजी और उचित प्रक्रिया का उल्लंघन आपने (भाजपा) ने दर्शाया है, उससे पता चलता है कि अडाणी आपके लिए कितने अहम हैं और आप एक अकेल महिला सांसद को चुप कराने के लिए क्या-क्या करेंगे।
महुआ ने जताई CBI आने की आशंका, अडाणी पर उठाए सवाल
महुआ ने कहा कि उन्हें पक्का भरोसा है कि कल उनके घर केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) भेजी जाएगी और वो अगले 6 महीने तक उन्हें प्रताड़ित करेंगे। उन्होंने कहा, "मैं पूछना चाहूंगी कि अडाणी के 13,000 करोड़ रुपये के कोयला घोटाले का क्या, जिसकी जांच का ED और CBI को समय नहीं मिला... अडाणी हमारे सभी बंदरगाह, सभी एयरपोर्ट खरीद रहे हैं। उनके शेयरधारक विदेशी निवेशक हैं और गृह मंत्री उन्हें हमारा सारा ढांचा खरीदने की मंजूरी दे रहे हैं।"
सोनिया गांधी समेत तमाम विपक्षी नेता महुआ के साथ खड़े हुए
महुआ के बयान के समय पूरा विपक्ष उनके साथ खड़ा नजर आया। इनमें कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी भी शामिल रहीं। मामले में कांग्रेस ने खुलकर महुआ का समर्थन किया है और लोकसभा में भी उसके नेता महुआ के समर्थन में बोले।
क्या है पूरा मामला?
महुआ पर कारोबारी दर्शन हीरानंदानी से रिश्वत लेकर संसद में अडाणी समूह से जुड़े सवाल पूछने के आरोप हैं। इस संबंध में महुआ ने हीरानंदानी को अपना लोकसभा का आईडी-पासवर्ड देने की बात भी स्वीकारी है, लेकिन रिश्वत लेने के आरोपों को खारिज किया है। मामले में आचार समिति ने जांच की थी, जिसने अपनी रिपोर्ट में आरोपों को सही पाते हुए महुआ को निष्कासित करने की सिफारिश की। इसी रिपोर्ट के आधार पर महुआ को निष्कासित किया गया है।