महाराष्ट्र चुनाव की घोषणा के बाद सरकार ने जारी किए 200 प्रस्ताव, चुनाव आयोग ने घेरा
महाराष्ट्र में एकनाथ शिंदे की सरकार ने राज्य विधानसभा चुनाव की घोषणा के तुरंत बाद करीब 200 निविदाएं और प्रस्ताव सरकारी वेबसाइट पर जारी किए, जिससे राजनीतिक हलकों में हंगामा मच गया। चुनाव आयोग ने इस कदम की आलोचना की और आचार संहिता उल्लंघन के मामले में जांच के आदेश दिए हैं, जिसके बाद महाराष्ट्र सरकार ने वेबसाइट से कई नोटिस हटा दिए। आयोग ने कहा कि वह सरकारी प्रस्तावों के प्रकाशन के समय की सावधानीपूर्वक जांच करेगा।
आम आदमी पार्टी ने उठाया मुद्दा
महाराष्ट्र में आम आदमी पार्टी के नेता विजय कुंभार ने आयोग को पत्र लिखकर बताया कि महाराष्ट्र सरकार ने पहले 349 सरकारी प्रस्ताव जारी किए, लेकिन अब ये घटकर 247 हैं। कुंभार ने दावा किया कि सरकार ने 15-16 अक्टूबर को 100 से अधिक प्रस्तावों को हटाया है, जो जनता को गुमराह करने के लिए थे, प्रस्ताव आचार संहिता लागू होने के बाद जारी हुए थे। उन्होंने इसके पीछे जरूरी जांच कराने की मांग की है।
चुनाव आयोग ने क्या कहा?
महाराष्ट्र के मुख्य निर्वाचन अधिकारी एस चोकलिंगम ने कहा कि आयोग अपलोड किए गए सरकारी प्रस्तावों के समय की जांच करेंगे और पता लगाएंगे कि क्या इससे आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन हुआ है। उन्होंने कहा कि आयोग सरकारी प्रस्तावों के प्रकाशन के समय की सावधानीपूर्वक जांच करेगा, अगर ये 3:30 बजे से पहले जारी किए गए हैं तो आदेशों पर विचार किया जाएगा क्योंकि ये मतदाताओं को प्रभावित नहीं करते हैं,। बाकी प्रस्तावों को चिह्नित कर कार्रवाई होगी।
महाराष्ट्र में 20 नवंबर को चुनाव
महाराष्ट्र में 20 नवंबर को सिर्फ एक चरण में 288 सीटों पर चुनाव होगा। इसके परिणाम 23 नवंबर को आएंगे। यहां अभी भाजपा, शिवसेना (एकनाथ शिंदे) और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी की सरकार है, जबकि विपक्ष में कांग्रेस, उद्धव ठाकरे और शरद पवार की पार्टी है।