चौथे दौर की पूछताछ के लिए ED कार्यालय पहुंचे राहुल गांधी, कांग्रेस का जंतर-मंतर पर धरना
कांग्रेस सांसद राहुल गांधी नेशनल हेराल्ड मामले में चौथे दौर की पूछताछ के लिए प्रवर्तन निदेशालय (ED) के कार्यालय पहुंच गए हैं। ED इससे पहले पिछले हफ्ते राहुल से लगातार तीन दिन पूछताछ कर चुकी है। इन तीन दिनों में राहुल से कुल मिलाकर 30 घंटे से अधिक पूछताछ की गई थी। पिछले सोमवार और मंगलवार को उनसे रोजाना 10-11 घंटे पूछताछ की गई थी, वहीं बुधवार को लगभग आठ घंटे पूछताछ हुई थी।
कांग्रेस जारी रखेगी विरोध-प्रदर्शन, नहीं रणनीति में बदलाव
कांग्रेस ने भी राहुल से पूछताछ के खिलाफ अपना प्रदर्शन जारी रखने का ऐलान किया है, हालांकि रणनीति में बदलाव किया गया है। अब पार्टी के नेता दिल्ली की सड़कों पर उतरने की बजाय जंतर-मंतर पर धरना दे रहे हैं और इसके लिए मंच लगाया गया है। पार्टी को लगता है कि नेताओं को हिरासत में लिए जाने के कारण वह प्रभावी ढंग से अपना विरोध दर्ज नहीं करा पा रही थी और इसलिए रणनीति में बदलाव किया गया है।
अग्निपथ योजना के खिलाफ भी कांग्रेस का प्रदर्शन, शाम को राष्ट्रपति से मुलाकात
कांग्रेस जंतर-मंतर पर राहुल से पूछताछ के साथ अग्निपथ योजना के खिलाफ भी विरोध-प्रदर्शन कर रही है। इसके अलावा देश के अलग-अलग कोनों में भी उसके कार्यकर्ता प्रदर्शन कर रहे हैं। आज शाम को कांग्रेस का एक प्रतिनिधिमंडल राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से भी मिलेगा और उनसे अग्निपथ योजना को वापस लेने की मांग करेगा। इसके अलावा वो दिल्ली पुलिस के कांग्रेस सांसदों के खिलाफ दुर्व्यवहार और ED के दुरुपयोग की जानकारी भी राष्ट्रपति को देगा।
क्या है नेशनल हेराल्ड मामला?
साल 2013 में भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने एक याचिका दायर करते कांग्रेस नेता राहुल और सोनिया गांधी पर नेशनल हेराल्ड अखबार चलाने वाली कंपनी एसोसिएट्स जर्नल्स लिमिटेड (AJL) के अधिग्रहण में धोखाधड़ी का आरोप लगाया था। उनका आरोप था कि यंग इंडिया लिमिटेड (YIL) के जरिए इसका गलत तरीके से अधिग्रहण किया गया और इससे कांग्रेस नेताओं ने 2,000 करोड़ रुपये की संपत्ति हथिया ली। YIL में 38-38 प्रतिशत यानी 76 प्रतिशत शेयर राहुल और सोनिया के पास हैं।
YIL ने कैसे किया AJL पर कब्जा?
AJL ने घाटे के कारण 2008 में नेशनल हेराल्ड और अन्य अखबारों को बंद कर दिया। उस समय उस पर कांग्रेस का 90.25 करोड़ रुपये का कर्ज था। कांग्रेस ने इस कर्ज वसूली का अधिकार YIL नामक कंपनी को दे दिया, जिसने इसके बदले में 10 रुपये प्रति शेयर की कीमत पर AJL के नौ करोड़ शेयर खरीद लिए। इससे AJL के 99 प्रतिशत शेयर YIL के पास आ गए और वह इसकी मालिक कंपनी बन गई।