लड़कियों के लिए खुशखबरी, अब 2020 शैक्षणिक सत्र से सैनिक स्कूलों में ले सकेंगी प्रवेश
अब लड़कों की तरह लड़िकयां भी देश के सैनिक स्कूल में पढ़ाई कर सकेंगी। देश के सैनिक स्कूल, जहां से शारीरिक, मानसिक और शैक्षणिक रूप से मजबूत सैनिक निकलते हैं। वहां अब लड़कियां भी प्रवेश ले सकेंगी और अपना सपना पूरा कर सकेंगी। केंद्र सरकार ने ये फसला मिजोरम में पायलट प्रोजेक्ट के सफल होने के बाद लिया है। सरकार का ये फैसले लड़िकयों के लिए लाभदायक साबित होगा। आइए जानें क्या है पूरी खबर।
क्या है पायलट प्रोजेक्ट?
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि पायलट प्रोजेक्ट में 2018-19 शैक्षणिक सत्र में 30 छात्राओं को 6वीं में प्रवेश दिलाया गया था। इस प्रोजेक्ट के सफल होने के बाद केंद्र सरकार 2020 शैक्षणिक सत्र के लिए देश के कुल 26 सैनिकों स्कूलों में लड़कियों को प्रवेश दिलाने के लिए नियमों में बदलाव करने की योजना बना रही है। सैनिक स्कूल में लड़कियों की संख्या IIT की तर्ज पर गर्ल्स सुपर न्यूमेरी कोटे के तौर पर बढ़ाई जाएगी।
पहले साल 10 फीसदी बढ़ेगी लड़कियों की संख्या
गर्ल्स सुपर न्यूमेरी कोटे के तौर पर लड़कियों की संख्या पहले साल 10 फीसदी, दूसरे साल 15 फीसदी और फिर 20 फीसदी बढ़ाई जाएगी। सैनिक स्कूल में पढ़ने से छात्रों में देश के प्रति सेवा करने की भावना जागृत होती है। क्योंकि वहां छात्रों को पढ़ाई के साथ-साथ सेना के अनुशासन आदि के बारे में भी सीखने को मिलता है। केंद्र सरकार की इस नई पहल से भारतीय सेना में अपना भविष्य बनाने के सपने को लड़कियां पूरा कर पाएंगी।
राज्य सरकारों को इन सुविधाओं को बढ़ाने के लिए कहा गया
आवासीय सैनिक स्कूलों में अभी तक 6वीं से लेकर 12वीं तक केवल लड़के ही पढ़ रहे थे। लगभग तीन साल से लड़कियों को सैनिक स्कूलों में प्रवेश दिलाने के लिए मांग की जा रही थी। खबरों के अनुसार केंद्र सरकार ने राज्य सरकारों को अपने-अपने सैनिक स्कूलों में लड़कियों के दाखिले होने के लिए कई सुविधाएं जैसे गर्ल्स हॉस्टल, महिला शिक्षक, नर्स और डॉक्टरों को बढ़ाने के लिए कहा है।