राहुल गांधी मामले में कांग्रेस के देशव्यापी प्रदर्शन का आज दूसरा दिन, विपक्ष के साथ बैठक
राहुल गांधी की संसद सदस्यता रद्द करने के विरोध में कांग्रेस ने मोर्चा खोल रखा है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे का आरोप है कि मोदी सरकार एक शहीद के बेटे की आवाज को चुप कराने की साजिश रच रही है। वहीं कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी ने भाजपा सरकार पर नेहरू-गांधी परिवार के सदस्यों के अपमान का आरोप लगाया है। राहुल की लोकसभा सदस्यता रद्द किये जाने के विरोध में आज लगातार दूसरे दिन देशभर में कांग्रेस कार्यकर्ता प्रदर्शन करेंगे।
कांग्रेस कार्यालय में विपक्षी पार्टियों की बैठक
कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे के नेतृत्व में आज सुबह 10:30 बजे कांग्रेस कार्यालय में विपक्षी पार्टियों के नेताओं की एक बैठक हुई। इस बैठक में राहुल की लोकसभा सदस्यता रद्द किये जाने के बाद विपक्षी नेता सदन में काले कपड़े पहनकर अपना विरोध जताने की योजना बना रहे हैं। राहुल की सांसदी जाने के बाद दिल्ली समेत हिमाचल प्रदेश, राजस्थान, तेलंगाना, जम्मू और कश्मीर, पंजाब, हरियाणा और गुजरात में कांग्रेस कार्यकर्ताओं का विरोध-प्रदर्शन जारी है।
पुडुचेरी में कांग्रेस कार्यकर्ताओं का उपवास कार्यक्रम
राहुल की सांसदी जाने के विरोध में आज पुडुचेरी प्रदेश कांग्रेस समिति ने उपवास कार्यक्रम रखा है। पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता वी नारायणसामी ने ये जानकारी दी है। इससे पहले रविवार को गुजरात कांग्रेस प्रमुख जगदीश ताहोर, विधानसभा में विपक्ष के नेता अमित चावड़ा और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता भरत सिंह सोलंकी समेत कई कार्यकर्ताओं को अहमदाबाद स्थित लाल दरवाजा पर प्रदर्शन के दौरान पुलिस ने अपनी हिरासत में ले लिया था।
रविवार को कांग्रेस ने किया था एक दिवसीय 'संकल्प सत्याग्रह'
रविवार को कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने दिल्ली के राज घाट पर एक दिवसीय 'संकल्प सत्याग्रह' का आयोजन किया था। इस सत्याग्रह में पी चिदंबरम, जयराम रमेश, सलमान खुर्शीद, प्रमोद तिवारी, अजय माकन, मुकुल वासनिक और अधीर रंजन चौधरी समेत कई पार्टी नेता शामिल हुए थे। भाजपा ने कांग्रेस के विरोध-प्रदर्शन को असंवैधानिक करार देते हुए कहा था कि कोर्ट द्वारा राहुल को दोषी ठहराया गया है। भाजपा ने कहा कि कांग्रेस का यह प्रदर्शन संविधान और कानून दोनों का अपमान है।
दिल्ली पुलिस ने कांग्रेस को सत्याग्रह की नहीं दी अनुमति
रविवार को दिल्ली पुलिस ने कांग्रेस को राजघाट में सत्याग्रह करने की अनुमति नहीं देते हुए इलाके में धारा 144 लागू की थी, जिसके बाद कांग्रेस नेताओं ने राजघाट के बाहर ही मंच बनाकर प्रदर्शन किया। कांग्रेसियों ने आरोप लगाया कि सरकार उनसे विरोध-प्रदर्शन के लोकतांत्रिक अधिकार को भी छीन रही है और वह शांतिपूर्वक तरीके से प्रदर्शन करना चाहते हैं। पुलिस ने कानून-व्यवस्था का हवाला देते हुए प्रदर्शन की अनुमति देने से इनकार कर दिया था।
क्यों गई राहुल की संसद सदस्यता?
कर्नाटक में 2019 लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान राहुल ने मोदी सरनेम को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी। इसके खिलाफ सूरत में भाजपा विधायक ने मानहानि का केस दायर किया था। सूरत की एक कोर्ट ने राहुल को मानहानि का दोषी पाते हुए 2 साल की सजा और 15,000 रुपये का जुर्माना लगाया था। इसके एक दिन बाद ही लोक प्रतिनिधित्व कानून के तहत लोकसभा सचिवालय ने अधिसूचना जारी कर राहुल की संसद सदस्यता रद्द कर दी थी।