कोरोना के कारण अनाथ हुए बच्चों को हर माह मिलेंगे 4,000 रुपये- प्रधानमंत्री
अपनी सरकार के आठ साल पूरे होने के उपलक्ष्य में सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कई महत्वपूर्ण घोषणाएं कीं। प्रधानमंत्री ने ऐलान किया कि जिन बच्चों ने कोविड-19 के कारण अपने माता-पिता को खोया है, उन्हें PM केयर्स फंड से हर माह अपनी रोजमर्रा की जरुरतों को पूरा करने के लिए 4,000 रुपये मिलेंगे। उन्होंने कहा कि अगर किसी बच्चे को प्रोफेशनल कोर्स या उच्च शिक्षा के लिए लोन चाहिए तो उसमें भी PM केयर्स मदद करेगा।
अनाथ बच्चों को 23 साल का होने पर मिलेगी 10 लाख की छात्रवृत्ति
कार्यक्रम को वर्चुअली संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि माता-पिता को खोने वाले वैसे बच्चे जो फिलहाल नाबालिग हैं, उन्हें 23 साल का होने पर 10 लाख की छात्रवृत्ति भी मिलेगी। इन छात्रों को कई अन्य सरकारी कार्यक्रमों से भी जोड़ा जाएगा ताकि उन्हें स्वास्थ्य, शिक्षा और रोजगार के अवसर मुहैया कराए जाएं। प्रधानमंत्री ने 18 से 23 वर्ष के युवकों को मासिक भत्ता देने की घोषणा भी की।
प्रधानमंत्री ने कई छात्रों के खातों में ट्रांसफर की छात्रवृत्ति
इन घोषणाओं के साथ ही प्रधानमंत्री ने स्कूल जाने वाले बच्चों के खाते में छात्रवृत्ति ट्रांसफर की, बच्चों के लिए निर्धारित PM केयर्स के पासबुक बांटे और छात्रों को आयुष्मान भारत के तहत हेल्थ कार्ड दिया। इस हेल्थ कार्ड पर बच्चों को पांच लाख तक का कवर मिलेगा और वे कई अस्पतालों में मुफ्त इलाज करवा सकेंगे। कार्यक्रम में महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी भी मौजूद थीं।
कोविड-19 के प्रभाव से बाहर निकल रहा देश- मोदी
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि जिस तरह PM केयर्स फंड द्वारा मदद की गई, उससे देश कोविड-19 के नकारात्मक प्रभावों से बाहर निकल रहा है और दुनिया नई उम्मीद के साथ भारत की और देख रही है। उन्होंने कहा, "भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में से एक बन गया है। हमारी सरकार अपना 8वां कार्यकाल पूरा कर रही है। देश के लोगों का भाजपा सरकार पर अटूट विश्वास है।"
"हर मोर्चे पर जनता के साथ खड़ी है सरकार"
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि पिछले आठ साल में देश निरंतर तरक्की कर रहा है और उस दिशा में जा रहा है जिसका सपना महात्मा गांधी और सरदार पटेल ने देखा था। उन्होंने कहा, "केंद्र सरकार गरीबों और बेरोजगारों का विशेष रुप से ख्याल रखती है। कोविड-19 में जब गरीबों को खाने-पीने की दिक्कतों का सामना करना पड़ा तो सरकार ने अन्न के भंडार खोल दिए थे।"
न्यूजबाइट्स प्लस
अनाथ हुए बच्चों को लेकर मेडिकल जर्नल लैंसेट में प्रकाशित एक अध्ययन में कहा गया कि महामारी के दौरान भारत में 19.17 लाख बच्चों ने माता-पिता या देखभाल करने वाले को खो दिया। हालांकि, भारत सरकार ने इस रिपोर्ट का खंडन किया था।