राजस्थान: कल विधानसभा में गहलोत सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाएगी भाजपा
भाजपा ने कल राजस्थान विधानसभा में अशोक गहलोत सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने का ऐलान किया है। विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष गुलाब चंद कटारिया ने आज प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए कहा कि भाजपा अपने सहयोगियों के साथ कल अविश्वास प्रस्ताव पेश करेगी। बता दें कि कल से राजस्थान विधानसभा का नया सत्र शुरू होने जा रहा है और अब इसके पहले ही दिन गहलोत सरकार को बहुमत परीक्षण की अग्निपरीक्षा से गुजरना होगा।
वसुंधरा राजे सिंधिया बोलीं- ज्यादा दिन नहीं टिकेगी गहलोत सरकार
गहलोत सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने का ये फैसला आज राजस्थान भाजपा की एक उच्चस्तरीय बैठक में लिया गया। कल से शुरू हो रहे विधानसभा सत्र की रणनीति बनाने के लिए हुई इस बैठक में पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सिंधिया और कटारिया समेत कई बड़े नेता शामिल हुए। बैठक के बाद हुई प्रेस कॉन्फ्रेंस में सिंधिया ने कहा कि गहलोत सरकार ज्यादा दिन नहीं टिकेगी। भाजपा ने कल सुबह 9:30 बजे अपने विधायकों की बैठक भी बुलाई है।
अब तक अविश्वास प्रस्ताव लाने से पीछे हट रही थी भाजपा
बता दें कि अविश्वास प्रस्ताव लाने का ये फैसला भाजपा के उस पुराने रुख के विपरीत है जिसमें उसने कहा था कि वह अविश्वास प्रस्ताव नहीं लाएगी और बहुमत परीक्षण के लिए बहुमत साबित करने की जिम्मेदारी कांग्रेस की है।
सोमवार को ही सचिन पायलट ने की है कांग्रेस से सुलह
गौरतलब है कि भाजपा ने अविश्वास प्रस्ताव लाने का ये फैसला ऐसे समय पर लिया है जब कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने अपनी बगावत खत्म कर पार्टी से सुलह कर ली है। राहुल गांधी और प्रियंका गांधी के साथ बैठक के बाद उन्होंने सोमवार को अपनी बगावत खत्म करने का ऐलान किया था। इस मौके पर उन्होंने कहा था कि उनके मुद्दे सैद्धांतिक थे और उन्हें किसी भी पद की कोई लालसा नहीं है।
गहलोत के रुख में भी नरमी, पायलट खेमे के साथ मिलकर काम करने को तैयार
पायलट और बागी खेमे की वापसी के बाद गहलोत के रुख में भी नरमी आई है और उनका कहना है कि आगे बढ़ने के लिए इस गलतफहमी को भूलने और माफ करने की जरूरत है। वह जनता से किए वादे पूरे करने के लिए पायलट खेमे के साथ मिलकर काम करने की बात कह चुके हैं। बता दें कि पायलट की बगावत भले ही खत्म हो गई हो, लेकिन अभी तक गहलोत और पायलट की आमने-सामने मुलाकात नहीं हुई है।
क्या है विधानसभा की स्थिति?
पायलट खेमे की वापसी के बाद अशोक गहलोत के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार मजबूत हुई है और उसके आसानी से बहुमत साबित करने की संभावना जताई जा रही है। बगावत के समय गहलोत खेमे के पास 102 विधायकों का समर्थन हासिल था और अब पायलट खेमे के 19 विधायकों की वापसी के बाद ये आंकड़ा 121 हो गया है। 200 सदस्यीय राजस्थान विधानसभा में उन्हें बहुमत साबित करने के लिए 101 वोट चाहिए। विधानसभा में भाजपा के 72 विधायक हैं।