भाजपा के राष्ट्रीय परिषद की 2 दिवसीय बैठक आज से, लोकसभा चुनाव की बनेगी रणनीति
क्या है खबर?
लोकसभा चुनाव की रणनीतियों को अंतिम रूप देने के लिए आज से भाजपा की राष्ट्रीय परिषद की 2 दिवसीय बैठक शुरू हो रही है। दिल्ली के भारत मंडपम में होने वाली इस बैठक में देशभर के 11,000 से ज्यादा कार्यकर्ता शामिल होंगे।
भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और संगठन महासचिव बीएल संतोष सहित कई वरिष्ठ नेता इसमें शामिल होंगे।
मुद्दे
बैठक में किन मुद्दों पर होगी चर्चा?
बैठक के दूसरे और अंतिम दिन प्रधानमंत्री कार्यकर्ताओं का जीत का मंत्र देंगे। इसके अलावा पिछले चुनाव के मुकाबले 10 फीसदी वोट बढ़ाने और सीटों की संख्या में 67 का इजाफा करने के लिए बैठक में चर्चा हो सकती है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, बैठक में केंद्रीय योजनाओं के सभी लाभार्थियों के साथ हर गांव तक पहुंचने के लिए पहले से चले आ रहे कार्यक्रमों की समीक्षा होगी। राज्यों की स्थिति और संगठन के कार्यों की अलग से समीक्षा भी होगी।
शामिल
कौन-कौन होगा शामिल?
NDTV की रिपोर्ट के मुताबिक, बैठक में सभी मोर्चा, नगर निगम, नगर पालिका, नगर पंचायत और जिला पंचायत के महासचिवों, संयोजकों और अध्यक्षों को आमंत्रित किया गया है।
इसके अलावा राष्ट्रीय कार्यकारिणी, राष्ट्रीय परिषद के पदाधिकारी, सभी जिलों के अध्यक्ष, जिला प्रभारी, लोकसभा प्रभारी, क्लस्टर प्रभारी, लोकसभा संयोजक, लोकसभा विस्तारक, अनुशासन समिति, वित्त समिति, प्रवक्ता, मीडिया सेल के संयोजक और IT सेल के पदाधिकारियों को भी आमंत्रित किया गया है।
प्रस्ताव
बैठक में ये प्रस्ताव भी होंगे पारित
रिपोर्ट के मुताबिक, बैठक में 2 प्रस्ताव भी पारित किए जायेंगे। इन प्रस्तावों में से एक राजनीतिक और दूसरा अर्थव्यवस्था, सामाजिक और राम मंदिर से जुड़े मुद्दों का हो सकता है।
प्रस्तावों में अयोध्या का राम मंदिर, महिला आरक्षण, गरीबों, युवाओं और किसानों के कल्याण के लिए सरकार द्वारा उठाए गए कदम शामिल हैं। इसके अलावा भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) की उपलब्धियां, कोरोना वायरस वैक्सीन और रक्षा क्षेत्र की उपलब्धियों पर भी चर्चा हो सकती है।
दक्षिण
दक्षिण के राज्यों पर भाजपा का फोकस
बैठक में दक्षिण भारत के 4 राज्यों- तेलंगाना, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश और केरल पर विशेष चर्चा हो सकती है। पिछले चुनाव में भाजपा को इन राज्यों की 101 में से केवल 4 सीटों पर जीत मिली थी। इसी को ध्यान में रखते हुए पार्टी दक्षिण में नए सहयोगी भी तलाश रही है।
दूसरी ओर, पार्टी को उम्मीदें हैं कि उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल और तेलंगाना में ज्यादा सीटें मिल सकती हैं। इन राज्यों की रणनीति पर विशेष चर्चा होगी।