लोकसभा चुनाव: भाजपा की 400 सीटें और 50 प्रतिशत से ज्यादा वोट हासिल करने पर नजर
लोकसभा चुनाव के लिए सभी पार्टियों ने तैयारियां शुरू कर दी हैं। इसी कड़ी में भाजपा ने इस बार 400 सीटें जीतने का लक्ष्य रखा है। भाजपा इस लक्ष्य को पाने के लिए दूसरी पार्टियों से विपक्षी नेताओं को पार्टी में लाने पर भी विचार कर रही है। इसके लिए बाकायदा एक समिति बनाई गई है। इसके अलावा भाजपा ने इस बार 50 प्रतिशत से ज्यादा वोट हासिल करने का भी लक्ष्य रखा है।
दूसरी पार्टी से नेताओं को लाने के लिए बनी ज्वाइनिंग समिति
9 जनवरी को हुई रणनीति बैठक में भाजपा के अध्यक्ष जेपी नड्डा ने पार्टी के विभिन्न महासचिवों को अलग-अलग जिम्मेदारियां सौंपीं। महासचिव विनोद तावड़े को ज्वाइनिंग समिति का प्रभार दिया गया है। NDTV से बात करते हुए एक सूत्र ने कहा, "यह समिति अन्य पार्टियों के प्रभावशाली नेताओं और मौजूदा सांसदों को भाजपा में लाने की संभावना तलाशेगी। क्षेत्र में व्यक्ति के प्रभाव और चुनाव जीतने की क्षमता के आधार पर निर्णय लिया जाएगा।"
पिछली बार जिन सीटों पर हुई थी हार, उन पर ज्यादा ध्यान
भाजपा उन 164 सीटों के लिए खास रणनीति बना रही है, जिन पर पिछले चुनावों में उसे या तो हार का सामना करना पड़ा था या मामूली अंतर से जीत मिली थी। इस बार इन सीटों पर जीत दर्ज करने के लिए 45 मंत्रियों को जिम्मेदारियां दी गई हैं। इनमें गृह मंत्री अमित शाह भी शामिल हैं। हर राज्य में इस तरह की सीटों की पहचान कर ली गई है और इन पर खास ध्यान दिया जा रहा है।
उत्तर प्रदेश में 14 कमजोर सीटों की पहचान
भाजपा ने उत्तर प्रदेश की 14 कमजोर सीटों की पहचान की है। इनमें रायबरेली, मैनपुरी, बिजनौर, सहारनपुर, संभल, मुरादाबाद और गाजीपुर शामिल हैं। इसी तरह बिहार में नवादा, सुपौल, किशनगंज, कटिहार, मुंगेर और सुपौल सीटों पर पार्टी का ध्यान है। मध्य प्रदेश की छिंदवाड़ा सीट पर जीत की जिम्मेदारी ग्रामीण विकास मंत्री गिरिराज सिंह को सौंपी गई है। महाराष्ट्र में बारामती, बुलढाणा, औरंगाबाद और पंजाब में अमृतसर, आनंदपुर साहिब, भटिंडा और गुरदासपुर के लिए पार्टी ने विशेष रणनीति बनाई है।
जनवरी के अंत तक आ सकती है उम्मीदवारों की पहली सूची
भाजपा हालिया विधानसभा चुनावों की तरह लोकसभा चुनाव में भी तारीखों का ऐलान होने से पहले ही उम्मीदवारों की पहली सूची जारी कर सकती है। जनवरी के आखिरी या फरवरी के पहले हफ्ते में पार्टी की पहली सूची आ सकती है। इसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, शाह और राजनाथ सिंह समेत कई बड़े चेहरों के नाम हो सकते हैं। हालांकि, 70 साल से ज्यादा उम्र के और 3 बार से ज्यादा जीते सांसदों का टिकट कट सकता है।