तेलंगाना चुनाव से पहले BRS को झटका, पूर्व मंत्रियों समेत 35 नेता होंगे कांग्रेस में शामिल
तेलंगाना की सत्तारूढ़ भारत राष्ट्र समिति (BRS) को चुनाव से पहले बड़ा झटका लगा है। BRS के 35 प्रमुख नेता इस साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस में शामिल होने के लिए तैयार हैं। सोमवार को BRS के पूर्व सासंद पोंगुलेटी श्रीनिवास रेड्डी और पूर्व मंत्री जुपल्ली कृष्ण राव के नेतृत्व में कई नेताओं ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी से मुलाकात की। सभी नेता जल्द कांग्रेस की सदस्यता ले सकते हैं।
BRS नेता जुलाई के पहले हफ्ते में औपचारिक रूप से लेंगे सदस्यता
NDTV की रिपोर्ट के मुताबिक, BRS के दोनों नेता अपने समर्थकों के साथ जुलाई के पहले सप्ताह में राष्ट्रीय नेताओं की मौजूदगी में तेलंगाना में औपचारिक रूप से कांग्रेस में शामिल होंगे। कांग्रेस द्वारा तेलंगाना विधानसभा चुनाव के मद्देनजर एक बड़ी जनसभा की योजना बनाई जा रही है। इस कार्यक्रम में BRS और भाजपा के कुछ नेताओं को कांग्रेस की सदस्यता दिलवाई जाएगी। इसी कार्यक्रम को लेकर आज BRS के नेताओं ने कांग्रेस हाईकमान से मुलाकात की है।
2 जुलाई को तेलंगाना के खम्मम में होनी है बड़ी रैली
तेलंगाना में चुनावी तैयारियों की समीक्षा के लिए राहुल गांधी आगामी 2 जुलाई को तेलंगाना का दौरा करेंगे। इस दौरान तेलंगाना के खम्मम में एक बड़ी सार्वजनिक रैली का आयोजन होना है। इस रैली में BRS नेताओं को सदस्यता दिलाई जाएगी। BRS नेता रेड्डी खम्मम से ही लोकसभा सांसद थे, जबकि राव तेलंगाना सरकार में मंत्री ग्रामीण विकास मंत्री रह चुके हैं। पिछले महीने इन दोनों नेताओं को पार्टी विरोधी गतिविधियों के चलते BRS से निलंबित किया गया है।
कांग्रेस का मिशन तेलंगाना
इस साल के अंत में होने वाले तेलंगाना विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस ने 100 निर्वाचन क्षेत्रों में कुल 25 लाख लोगों को रजिस्टर्ड करने का लक्ष्य रखा है। इसके तहत प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में 20,000 से 30,000 तक समर्थकों का रजिस्ट्रेशन किया जाएगा। साथ ही कांग्रेस मिशन तेलंगाना के तहत पृथक राज्य की मांग को लेकर आंदोलन में उसकी भूमिका और कांग्रेस नेताओं के राज्य निर्माण में दिये योगदान को भी याद दिलाएगी।
2018 के चुनाव में BRS ने जीती थीं 88 सीटें
तेलगांना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव साल के अंत में होने वाले चुनाव में जीत की उम्मीद कर रहे हैं। 2014 में आंध्र प्रदेश से अलग होकर तेलंगाना के गठन में उनकी अहम भूमिका रही थी। उनकी पार्टी ने 2018 के चुनाव में तेलंगाना विधानसभा की 119 सीटों में से 88 सीटें जीतीं थीं। तब उनकी पार्टी ने कांग्रेस के 28.43 प्रतिशत के मुकाबले 46.87 वोट शेयर हासिल किया था। उस वक्त पार्टी का नाम तेलंगाना राष्ट्र समिति था।