शीला दीक्षित का बड़ा बयान, आतंकवाद पर मोदी जितने सख्त नहीं थे मनमोहन सिंह
क्या है खबर?
दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष शीला दीक्षित ने एक बड़ा बयान देते हुए कहा है कि पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह आतंकवाद के मुद्दे पर प्रधानमंत्री मोदी जितने सख्त नहीं थे।
हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि ऐसा लगता है कि मोदी यह सब राजनीतिक लाभ के लिए कर रहे हैं।
उनका यह बयान ऐसे समय पर आया है जब भाजपा और कांग्रेस में राष्ट्रीय सुरक्षा और आतंकवाद को लेकर नरम रुख अपनाने के लिए आरोप-प्रत्यारोपों का दौर चल रहा है।
शील दीक्षित
इंटरव्यू में शीला दीक्षित ने कही यह बात
पत्रकार वीर सांघवी ने 3 बार दिल्ली की मुख्यमंत्री रही शीला दीक्षित का इंटरव्यू किया है और उसी दौरान दीक्षित ने यह बात कही।
सांघवी ने इंटव्यू का एक हिस्सा ट्वीट किया है।
उन्होंने जब दीक्षित से पूछा कि क्या लोग राष्ट्रीय सुरक्षा पर मोदी के रिकॉर्ड के लिए उन्हें वोट देंगे तो दीक्षित ने पहले कहा, "बालाकोट एयर स्ट्राइक में ऐसा कुछ खास नहीं है और मोदी की जगह कोई और भी होता तो ऐसा ही करता।"
बयान
'मनमोहन से सख्त मोदी, लेकिन सब चुनावी हथकंडा'
इसके बाद जब सांघवी ने कहा कि मनमोहन सिंह ने मुंबई हमले के बाद ऐसा कुछ नहीं किया तो उन्होंने कहा, "मैं आपसे सहमत हूं कि मनमोहन सिंह आतंकवाद पर इतने सख्त और संकल्पित नहीं थे जितने मोदी हैं।"
उन्होंने आगे कहा, "लेकिन यह भी माना जा रहा है कि वह यह सब कुछ राजनीति के लिए कर रहे हैं।"
सांघवी के यह पूछने पर कि यह सब चुनावी हथकंडा है, उन्होंने कहा कि बहुत लोगों को ऐसा मानना है।
ट्विटर पोस्ट
पत्रकार ने ट्वीट किया इंटरव्यू का हिस्सा
Here is the transcript of the controversial part of the Sheila Dixit interview. I asked her if people would vote for Modi because of his record on national security.
— vir sanghvi (@virsanghvi) March 14, 2019
This is what followed. Judge for yourself if it is a ringing endorsement of Modi. pic.twitter.com/zxIokWqPkY
सफाई
शीला दीक्षित ने ट्वीट कर दी सफाई
जाहिर सी बात है कि दीक्षित का अपनी ही पार्टी के प्रधानमंत्री के खिलाफ यह बयान किसी के भी गले नहीं उतरेगा और इसलिए उन्होंने अपने बयान पर सफाई देते हुए ट्वीट किया।
उन्होंने कहा, "कुछ मीडिया एक इंटरव्यू में दिए गए मेरे बयान को तोड़-मरोड़ कर पेश कर रहे हैं। मैंने यह कहा था- कुछ लोगों को यह लग सकता है कि मोदी आंतकवाद पर सख्त हैं, लेकिन मेरा मानना है कि यह केवल एक चुनावी हथकंडा है।"
ट्विटर पोस्ट
बयान पर शीला दीक्षित ने दी सफाई
I have seen some media is twisting my comments made in an interview. Here is what I said - it may seem to some people that Mr Modi is stronger on terror but I think this is a poll gimmick more than anything else..
— Sheila Dikshit (@SheilaDikshit) March 14, 2019
मनमोहन सरकार
सैन्य कार्रवाई को प्रभावी नहीं मानती थी मनमोहन सरकार
बता दें कि 26 नवंबर, 2008 को मुंबई में हुए आतंकी हमले के बाद मनमोहन सिंह सरकार ने सैन्य कार्रवाई के बजाय कूटनीतिक दबाव का तरीका अपनाया था।
तत्कालीन सरकार का मानना था कि पाकिस्तान के साथ सैन्य संघर्ष से आतंकवाद के मुद्दे पर कोई लाभ नहीं होगा।
जबकि मोदी सरकार आतंकवाद पर सैन्य कार्रवाई से पीछे नहीं हटी।
मौजूदा सरकार में सेना बालाकोट से पहले उरी हमले के बाद भी जमीनी सर्जिकल स्ट्राइक कर चुकी है।