स्लीप एपनिया: जानिए नींद से जुड़ी इस बीमारी के कारण, लक्षण और बचने के उपाय
किसी भी व्यक्ति के दिनभर तरोताजा और ऊर्जावान रहने के लिए अच्छी नींद जरूरी है। हालांकि कई लोग बीमारी की वजह से अच्छी नींद नहीं ले पाते हैं और ऐसी ही एक बीमारी है स्लीप एपनिया। स्लीप एपनिया नींद से जुड़ी एक ऐसी बीमारी है जिसके कारण व्यक्ति को सोते वक्त सांस लेने में मुश्किल होती है और उसकी रात में बार-बार नींद खुलती है। चलिए आज आपको इस बीमारी के बारे में महत्वपूर्ण बातें बताते हैं।
स्लीप एपनिया के कारण
अस्वस्थ जीवनशैली स्लीप एपनिया का कारण बन सकती है। वजन का बढ़ना भी स्लीप एपनिया को बढ़ावा दे सकता है। अगर आपके परिवार में किसी को स्लीप एपनिया है तो यह बीमारी आनुवंशिक भी हो सकती है। दर्द निवारक दवाइयों का सेवन भी स्लीप एपनिया का कारण बन सकता है। किडनी संबंधी समस्या, दिमागी संक्रमण, स्ट्रोक, रीढ़ की समस्या और टॉन्सिल आदि समस्याएं भी स्लीप एपनिया का खतरा बढ़ा देती हैं।
स्लीप एपनिया से जुड़े लक्षण
रात के समय सोते समय सांस लेने में हांफना और जोर से खर्राटे लेना। इसके अलावा सांसों में किसी भी तरह की रूकावट होना। ध्यान, सतर्कता और एकाग्रता में कमी महसूस होना भी स्लीप एपनिया का संकेत हो सकता है। जागने पर मुंह सूखने की समस्या और सिर दर्द होना। अत्यधिक थकान महसूस होना या दिन के समय काफी देर तक सो जाना भी स्लीप एपनिया का लक्षण हो सकता है।
स्लीप एपनिया का कैसे पता लगाया जा सकता है?
आपको स्लीप एपनिया है या नहीं, इसका पता लगाने के लिए आपको डॉक्टर से संपर्क करना होगा। वह कुछ जांच करने के बाद बता सकेगा कि आपको यह बीमारी है या नहीं। इसके लिए डॉक्टर आपको पोलीसोम्नोग्राफी कराने का निर्देश दे सकते हैं। यह एक तरह का स्लीप स्टडी टेस्ट होता है जिसमें आपकी सांस लेने की क्षमता के साथ-साथ आपके ऑक्सीजन स्तर का पता लगाया जाता है।
स्लीप एपनिया से बचने के उपाय
अगर आप स्लीप एपनिया से बचकर रहना चाहते हैं तो बेहतर होगा कि आप अपनी जीवनशैली को स्वस्थ रखने की कोशिश करें। उदाहरण के लिए, नियमित तौर पर संतुलित आहार का सेवन करें और धूम्रपान, शराब और जंक फूड आदि चीजों का सेवन न करें। इसके अलावा समय से सोने और समय से जागने का नियम बना लें। इसी के साथ नियमित तौर पर कुछ हल्की-फुल्की एक्सरसाइज भी करें।