जनवरी में बनाकर खाएं भारत के ये 5 क्षेत्रीय व्यंजन, नहीं भूल पाएंगे इनका स्वाद
जनवरी का महीना ठंड और त्योहारों का समय होता है, जब लोग गर्माहट देने वाले व्यंजन बनाना पसंद करते हैं। इस मौसम में भारत के विभिन्न क्षेत्रों के पारंपरिक व्यंजन खाने का अलग ही मजा है। ये व्यंजन न केवल स्वादिष्ट होते हैं, बल्कि हर क्षेत्र की संस्कृति और परंपरा को भी दर्शाते हैं। आइए ऐसे ही कुछ खास क्षेत्रीय व्यंजनों की रेसिपी जानते हैं, जिन्हें चख कर आप खुशी से झूम उठेंगे और इन्हें बार-बार खाना चाहेंगे।
तिल और गुड़ के लड्डू
मकर संक्रांति पर तिल और गुड़ के लड्डू बनाए जाते हैं। यह लड्डू तिल और गुड़ से बनता है, जो सर्दियों में शरीर को गर्म रखता है। इसे बनाने के लिए पहले तिल को हल्का भून लें, ताकि उसका कच्चापन दूर हो जाए। फिर गुड़ को पिघलाकर उसमें भुने हुए तिल मिलाएं और छोटे-छोटे लड्डू बना लें। यह मिठाई स्वादिष्ट होने के साथ-साथ सेहत के लिए फायदेमंद भी होती है, क्योंकि इसमें आयरन और कैल्शियम होता है।
पंजाब का सरसों का साग और मक्के की रोटी
पंजाब का सरसों का साग और मक्के की रोटी एक प्रसिद्ध शीतकालीन व्यंजन है, जिसे खासतौर पर जनवरी महीने में बनाया जाता है। सरसों का साग बनाने के लिए सरसों, पालक और बथुआ जैसी हरी पत्तेदार सब्जियों को उबालकर पीसा जाता है, फिर उसमें मक्खन या घी डालकर पकाया जाता है। इसे मक्के की रोटी के साथ गरमा-गरम परोसा जाता है। यह व्यंजन न केवल पौष्टिक होता है, बल्कि ठंड से भी बचा सकता है।
गुजरात का उंधियु
उंधियु गुजरात का एक पारंपरिक शीतकालीन व्यंजन होता है, जिसमें बैंगन, आलू, अरबी आदि कई जैसी कई तरह की सब्जियां मिलाकर धीमी आंच पर पकाया जाता हैं। इसे विशेष मसालों और हरी धनिया और पुदीने की चटनी मिलाकर तैयार किया जाता है, जिससे इसका स्वाद बढ़ जाता है। उंधियु आमतौर पर उत्तरायण (मकर संक्रांति) पर्व पर बनाया जाता है। इसको गरमा-गरम पूड़ियों या बाजरे की रोटियों संग खाया जा सकता है।
बंगाल की पटोलर डोलमा
पटोलर डोलमा बंगाल का एक खास पकवान है, जिसमें परवल को खोखला कर उसमें मसालेदार मिश्रण भरा जाता है। इस मिश्रण में नारियल, मूंगफली, किशमिश और अन्य मसाले शामिल होते हैं, जो स्वाद को बढ़ाते हैं। इसे धीमी आंच पर पकाया जाता है, ताकि सभी स्वाद अच्छी तरह से मिल जाएं। पटोलर डोलमा मुख्य रूप से त्योहार या विशेष अवसरों पर बनाया जाता है और इसे चावल या रोटी के साथ परोसा जाता है।
राजस्थान क दाल बाटी चूरमा
दाल बाटी चूरमा राजस्थान की एक प्रसिद्ध थाली है, जिसमें घी में सिकी बाटियों को दाल के साथ खाया जाता है। इसके अलावा, मीठा चूरमा भी इस थाली का अहम हिस्सा होता है। बाटियों को आटे में घी और मसाले मिलाकर गोल आकार दिया जाता है और फिर इन्हें तंदूर या ओवन में पकाया जाता है। यह व्यंजन राजस्थान के हर घर में त्योहारों या शादी-ब्याह में जरूर बनाया जाता है, जिससे पारंपरिक स्वाद का आनंद मिलता है।