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बैंकॉक में PM मोदी ने किए 'वाट फो' के दर्शन, जानिए इस मंदिर के मुख्य आकर्षण

बैंकॉक में PM मोदी ने किए 'वाट फो' के दर्शन, जानिए इस मंदिर के मुख्य आकर्षण

लेखन सयाली
Apr 06, 2025
04:31 pm

क्या है खबर?

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हाल ही में थाईलैंड के दौरे पर गए हुए थे। अपनी यात्रा के दौरान 4 अप्रैल को उन्होंने थाईलैंड की प्रधानमंत्री पैतोंगटार्न शिनावात्रा के साथ 'वाट फो' मंदिर में माथा टेका था। बैंकॉक में बसे इस मंदिर का पूरा नाम वाट फ्रा चेतुफोन विमोन मंगखलाराम राजवरमहाविहान है। यह बैंकॉक के सबसे पुराने मंदिरों में से एक है, जहां भगवान बुद्ध की सबसे बड़ी मूर्ति विराजमान है। आइए इस मंदिर की खासियत के बारे में जानते हैं।

इतिहास

क्या है वाट फो मंदिर का इतिहास?

वाट फो का निर्माण 16वीं शताब्दी में राजा राम प्रथम के शासन के दौरान करवाया गया था। इसे शुरू में वाट फोटाराम के नाम से जाना जाता था। इस मंदिर में बच्चों को पढ़ाया जाता था और पारंपरिक थाई चिकित्सा भी सिखाई जाती थी। बाद के राजाओं ने मंदिर का विस्तार किया और राजा राम तृतीय ने इसके परिसर में मूर्तियां लगवाईं। तभी से स्थानीय लोग यहां पूजा-अर्चना करने आने लगे।

मूर्ति

मंदिर में मौजूद है बुद्धा की सबसे बड़ी मूर्ति

वाट फो एक बौद्ध धर्म वाला मंदिर है, जिसका मुख्य आकर्षण इसमें मौजूद लेटे हुए बुद्धा जी की मूर्ति है। यह मूर्ति करीब 46 मीटर लंबी है 15 मीटर ऊंची है। इस मूर्ति का निर्माण राजा राम तृतीय के शासनकाल के दौरान किया गया था। इस मूर्ति को असली सोने से सजाया गया है, इसलिए यह इतनी खास मानी जाती है। माना जाता है कि लेटे हुए बुद्धा जी मोक्ष को दर्शाते हैं, जो सर्वोच्च ज्ञान की स्थिति है।

महत्व

क्या है इस मंदिर का महत्व?

बैंकॉक का यह भव्य मंदिर करीब 80,000 वर्ग मीटर तक फैला हुआ है। यह स्थानीय लोगों के लिए तो अहम है ही, साथ ही थाईलैंड की यात्रा पर आने वाले पर्यटकों के लिए भी खास महत्व रखता है। मंदिर में पारंपरिक थाई दवाओं और जड़ी-बूटियों का विशाल भंडार मौजूद है, जिनका उपयोग उपचार के लिए आज भी किया जाता है। इसके अलावा, वाट फो से ही थाई मालिश की प्राचीन तकनीक की शुरुआत हुई थी।

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मंदिर

मंदिर के खुलने का समय और अन्य जानकारी

अगर आप वाट फो जाने की योजना बना रहे हैं तो पहले कुछ अहम बातें जान लें। यह मंदिर रोजाना सुबह 8 बजे खुलता है और शाम 6:30 बजे बंद हो जाता है। इस मंदिर में प्रवेश करने के लिए विदेशियों को 300 बाट यानि 745 रुपये का शुल्क देना होता है। आप मॉडेस्ट कपड़े पहनकर ही मंदिर जा सकते हैं, जिनमें आपके कंधे और घुटने ढके हुए हों। इस मंदिर में बुद्धा जी की 1000 से अधिक मूर्तियां हैं।