
तुलसी गबार्ड ने नरेंद्र मोदी की ट्रंप से तुलना की, कहा- दोनों शांति के लिए प्रतिबद्ध
क्या है खबर?
अमेरिका की राष्ट्रीय खुफिया निदेशक तुलसी गबार्ड ने दिल्ली में रायसीना डायलॉग 2025 कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तुलना अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से की।
उन्होंने मंगलवार को कहा कि राष्ट्रपति ट्रंप की तरह ही प्रधानमंत्री मोदी भी शांति के लिए प्रतिबद्ध हैं। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि ट्रंप के 'अमेरिका प्रथम' नारे को अलगाव समझने की भूल नहीं की जानी चाहिए।
उन्होंने कहा कि ट्रंप शांति निर्माता और एकीकरणकर्ता होने की विरासत चाहते हैं।
संबोधन
गबार्ड ने कार्यक्रम में क्या कहा?
गबार्ड ने कार्यक्रम में कहा कि अमेरिका का लक्ष्य अपने नेतृत्व को समय पर सबसे अच्छी खुफिया जानकारी प्रदान करना है।
उन्होंने याद दिलाया कि जब प्रधानमंत्री मोदी वाशिंगटन में थे, तो राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा था कि हमारे सुरक्षा हितों को मजबूत करने के लिए साइबर सुरक्षा साधनों और कृत्रिम बुद्धिमत्ता के विकास के लिए एक बड़ा अवसर है।
उन्होंने कहा कि मोदी की वाशिंगटन की शुरूआती यात्रा व्यक्तिगत मित्रता थी, रणनीतिक सहयोग अमेरिका की प्राथमिकता है।
भाषण
भाषण की शुरूआत 'जय श्रीकृष्ण' से की
गबार्ड ने कार्यक्रम में अपने भाषण की शुरूआत 'जय श्रीकृष्ण' से की, जो मूलरूप से गुजरात राज्य के लोगों द्वारा मिलने पर अभिवादन स्वरूप किया जाता है।
इसके बाद उन्होंने 'अलोहा' और 'नमस्ते' कहा। अलोहा अमेरिका के हवाई राज्य में अभिवादन के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला शब्द है।
गबार्ड ने सोमवार को प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात की थी। इस दौरान मोदी ने गबार्ड को संगम का जल भेंट किया था और गबार्ड ने उनको तुलसी माला दी थी।