लोगों को हैं अंडे के सेवन से जुड़े ये भ्रम, जानिए इनकी सच्चाई

अंडे को प्रोटीन का एक बेहतरीन स्त्रोत माना जाता है, इसलिए कई लोग इसे डाइट में शामिल करना फायदेमंद मानते हैं। वहीं, कुछ लोग ऐसे में है, जो इससे जुड़े भ्रमों को सच मानते हैं और अंडे को डाइट में शामिल करने से कतराते हैं, लेकिन इनकी सच्चाई कुछ और ही है। आइए आज हम आपको अंडे के सेवन से जुड़े ऐसे ही कुछ सामान्य भ्रमों और उनकी सच्चाई बताते हैं।
अगर आप इस वजह से अंडे का सेवन नहीं करते हैं कि अंडे में उच्च कोलेस्ट्रॉल होता है, जो हृदय रोग के जोखिम को बढ़ा सकता है। हालांकि, यह सिर्फ एक भ्रम है। कई अध्ययनों से यह बात साबित हुई है कि ब्लड कोलेस्ट्रॉल के स्तर पर दैनिक रूप से एक अंडे का सेवन करने से कोई असर नहीं पड़ता। बता दें कि जब ब्लड कोलेस्ट्रॉल का स्तर असंतुलित होता है तो हृदय रोग का खतरा बढ़ सकता है।
कई लोग इसी बात को सच मानकर अंडे की जर्दी का सेवन नहीं करते हैं कि इसका सफेद हिस्सा अधिक फायदेमंद होता है, इसलिए वे इसी का सेवन करते हैं। हालांकि, इस भ्रम की सच्चाई यह है कि अंडे की जर्दी और सफेद हिस्से में विभिन्न विटामिन्स और मिनरल्स होते हैं। अंडे का सफेद भाग प्रोटीन और सेलेनियम का एक बड़ा स्रोत है, लेकिन अंडे के अधिकांश पोषक तत्व और इसके प्रोटीन का लगभग आधा हिस्सा जर्दी में होता है।
यह भी एक भ्रम है कि गर्भावस्था में महिलाओं को अंडे का सेवन नहीं करना चाहिए क्योंकि इससे उनके होने वाले बच्चे को एलर्जी और अन्य समस्याएं हो सकती हैं। हालांकि, अब तक इस बात का कोई चिकित्सकीय प्रमाण नहीं है, इसलिए गर्भवती महिलाओं को अनावश्यक ही अपनी डाइट को सीमित करने की जरूरत नहीं है। अंडे में कई पोषक तत्व होते हैं, जो गर्भवती महिलाओं के लिए फायदेमंद हो सकते हैं।
यह भी सिर्फ एक भ्रम के अलावा और कुछ नहीं है कि बच्चों और बुजुर्गों को रोजाना अंडे का सेवन नहीं करना चाहिए। सच बात तो यह है कि अंडे में उच्च मात्रा में प्रोटीन और कई तरह के विटामिन्स और मिनरल्स मौजूद होते हैं, जो बच्चों और बुजुर्गों के शरीर में विभिन्न पोषण संबंधी आवश्यकताओं को पूरा कर सकते हैं। इसलिए रोजाना बच्चों और बुजुर्गों के लिए अंडे का सेवन करना लाभदायक है।