डिप्रेशन से जुड़े इन भ्रमों को लोग मानते हैं सच, जानिये इनकी सच्चाई
बॉलीवुड अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत के निधन के बाद डिप्रेशन को लेकर जो मीडिया कवरेज रही, उससे जाहिर होता है कि मानसिक स्वास्थ्य को लेकर लोगों की समझ कितनी कम है। डिप्रेशन को लेकर लोगों के मन में ऐसे कई भ्रम है जिनको वे सच मानते हैं, लेकिन वे हकीकत से कोसों दूर हैं। आज हम आपको डिप्रेशन से जुड़े ऐसे ही कुछ भ्रमों और उनकी सच्चाई के बारे में बताने जा रहे हैं।
लग तो नहीं रहा डिप्रेशन ग्रस्त है
डिप्रेशन एक मानसिक बीमारी है जिसमें दिखने जैसा कुछ नहीं होता है क्योंकि यह बीमारी व्यक्ति को शारीरिक तौर पर नहीं बल्कि मानसिक तौर पर परेशान करती है। डिप्रेशन में बाहरी शरीर में कुछ अंतर पैदा नहीं होता है और आप किसी को देखकर उसकी मानसिक स्थिति का अंदाजा नहीं लगा सकते हैं। साफ शब्दों में समझाएं तो अगर कोई व्यक्ति डिप्रेशन ग्रस्त हो तो उसमें बीमारी के लक्षण न खोजें।
इस तरह से सांत्वना देने की न करें कोशिश
कभी भी किसी भी डिप्रेशन ग्रस्त व्यक्ति को यह न बोले की अगर सकारात्मक सोचोगे तो सब ठीक हो जाएगा क्योंकि डिप्रेशन कोई हर पल बदलने वाली भावना नहीं है। इसलिए आप सिर्फ सकारात्मक सोच रखने की सलाह देकर डिप्रेशन के शिकार व्यक्ति की मदद नहीं कर सकते हैं। यह एक तरह की मानसिक बीमारी है जिससे राहत दिलाने में डॉक्टरी इलाज अहम भूमिका निभा सकता है। इसलिए डिप्रेशन ग्रस्त व्यक्ति की मदद के लिए डॉक्टर से संपर्क करें।
इतनी सी उम्र में डिप्रेशन कैसे हो सकता है?
अगर आपको किसी ऐसे व्यक्ति के बारे में पता चलता है जिसकी उम्र ज्यादा नहीं है और वो डिप्रेशन से ग्रस्त है तो उससे डिप्रेशन होने का कारण न पूछें। दरअसल, डिप्रेशन किसी को भी किसी भी उम्र में हो सकता है और इसके कारण चिड़चिड़ाहट से लेकर किसी भी काम में ध्यान न लगने जैसे कई अन्य लक्षण सामने आ सकते हैं। वहीं बच्चों को अगर डिप्रेशन होता है तो उनकी मजेदार गतिविधियों में दिलचस्पी घटने लगती है।
इतने कामयाब इंसान को डिप्रेशन कैसे हो सकता है?
अगर आपको लगता है कि एक कामयाब इंसान को डिप्रेशन नहीं हो सकता है तो आप गलत हैं क्योंकि अक्सर कामयाब लोग भी इस समस्या की चपेट में आने से नहीं बच पाते हैं। हालांकि वे ऊपरी तौर पर खुश दिखने की कोशिश करते हैं, लेकिन हो सकता है कि वे अंदर ही अंदर संघर्ष कर रहे हों। सबसे अच्छा यही है कि मानसिक स्वास्थ्य पर खुलकर बात होनी चाहिए ताकि मदद मांगने में कोई संकोच न करें।