
माचा टी बनाम ग्रीन टी: दोनों में से किसका सेवन वजन घटाने के लिए है बेहतर?
क्या है खबर?
ग्रीन टी और माचा टी दोनों ही चाय के प्रकार हैं, जो स्वास्थ्य के लिए लाभदायक माने जाते हैं।
हालांकि, इन दोनों के बीच में एक बड़ा अंतर है। जहां ग्रीन टी हल्की और पारंपरिक चाय है, वहीं माचा टी एक गाढ़ी होती है।
आइए आज हम आपको इन दोनों चायों के बीच के अंतर और वजन घटाने के लिए इनमें से किसका चयन करना लाभदायक है।
अंतर
ग्रीन टी और माचा टी के बीच का अंतर
ग्रीन टी पत्तियों को भूनकर और फिर उबालकर बनाई जाती है, जबकि माचा टी के लिए चाय की पत्तियों को सुखाकर उनका पाउडर बना लिया जाता है। इस पाउडर को गर्म पानी में मिलाकर पीया जाता है।
ग्रीन टी में कैफीन की मात्रा कम होती है, जबकि माचा टी में कैफीन की मात्रा अधिक होती है।
इसके अतिरिक्त ग्रीन टी में एंटी-ऑक्सीडेंट्स की मात्रा कम होती है, जबकि माचा टी में एंटी-ऑक्सीडेंट्स की मात्रा अधिक होती है।
चयन
वजन घटाने के लिए ग्रीन टी या माचा टी में से क्या है बेहतर?
वजन घटाने के लिए ग्रीन टी और माचा टी दोनों ही फायदेमंद हो सकती हैं, लेकिन माचा टी अधिक प्रभावी साबित हो सकती है।
इसका कारण है कि माचा टी में अधिक मात्रा में कैफीन और एंटी-ऑक्सीडेंट्स होते हैं, जो मेटाबॉलिज्म को बढ़ावा देते हैं और शरीर की अतिरिक्त चर्बी को जलाने में मदद करते हैं।
इसके अतिरिक्त इसमें मौजूद थीनिन और एल-थीनिन जैसे एमिनो एसिड तनाव को कम करने में मदद कर सकते हैं।
फायदे
ग्रीन टी और माचा टी के फायदे
ग्रीन टी में मौजूद एंटी-ऑक्सीडेंट्स शरीर से मुक्त कणों को दूर करने में मदद कर सकते हैं और त्वचा में निखार ला सकते हैं।
इसके अतिरिक्त ग्रीन टी का सेवन पाचन क्रिया को स्वस्थ रखने और इम्यूनिटी को मजबूती प्रदान करने में भी सहायक हो सकता है।
दूसरी ओर, माचा टी में मौजूद कैफीन और एंटी-ऑक्सीडेंट्स मेटाबॉलिज्म को तेज करने में मदद कर सकते हैं और शरीर की अतिरिक्त चर्बी को जलाने में भी सहायक हो सकते हैं।
दुष्प्रभाव
ग्रीन टी और माचा टी के दुष्प्रभाव
ग्रीन टी का अधिक सेवन सिरदर्द, नींद में खलल और पेट में गैस जैसी समस्याएं पैदा कर सकता है। इसके अतिरिक्त इसके अधिक सेवन से दस्त भी हो सकते हैं।
दूसरी ओर, माचा टी का अधिक सेवन उल्टी, चक्कर और पेट दर्द का कारण बन सकता है। इसलिए इनका सेवन सीमित मात्रा में ही करना चाहिए।
इसके अतिरिक्त इनका सेवन खाली पेट करने से भी बचना चाहिए क्योंकि इससे इनके दुष्प्रभावों का खतरा बढ़ सकता है।