आज भी बेहद मशहूर हैं ये 5 प्रतिष्ठित भारतीय पेंटिंग, पेश करती हैं इतिहास की झलक
क्या है खबर?
भारतीय संस्कृति में कला एक खास भूमिका निभाती है, क्योंकि यह सांस्कृती को व्यक्त करने, विरासत को संरक्षित करने और भावनाओं को कागज पर उकेरने का शक्तिशाली माध्यम है।
भारत में ऐसे कई महान कलाकार हुए, जिन्होनें अपनी प्रतिभा और रंगों के जरिए तमाम अनोखी कलाकृतियां बना डालीं।
ये सभी पेंटिंग आज भी दुनियाभर में मशहूर हैं और लोगों को कला के क्षेत्र में आगे बढ़ने की प्रेरणा दे रही हैं। आइए इनमें से 5 के विषय में जानते हैं।
#1
अवनींद्रनाथ टैगोर की 'भारत माता'
टैगोर परिवार में केवल रवींद्रनाथ टैगोर ही नहीं, बल्कि एक और नगीने ने जन्म लिया था। उनका नाम अवनींद्रनाथ टैगोर था, जो रवींद्रनाथ टैगोर के भतीजे थे।
उन्होंने भारतीय कला में खूब नाम कमाया और वह आज भी बंगाल कला विद्यालय में अपनी भूमिका के लिए जाने जाते हैं।
अवनींद्रनाथ ने 1905 में 'भारत माता' नाम की पेंटिंग बनाई थी, जिसमें देवी एक योगी के रूप में दिखाई दे रही हैं। इसे राष्ट्रवादी आंदोलन का प्रतीक भी माना जाता है।
#2
राजा रवि वर्मा की 'शकुंतला'
राजा रवि वर्मा को 'आधुनिक भारतीय कला के पिता' के रूप में जाना जाता है। वह भारतीय कला में पश्चिमी तकनीकों को शामिल करने के लिए दुनियाभर में मशहूर थे।
उनकी नायब पेंटिंग के पिटारे में एक शकुंतला नामक पेंटिंग भी शामिल है, जो आज भी हजारों कलाकारों की प्रेरणा है। यह पेंटिंग कालिदास के संस्कृत नाटक 'अभिज्ञानशाकुंतलम' के एक दृश्य पर आधारित है।
इसमें नाटक की मुख्य किरदार शकुंतला अपने पैर से कांटा निकालते हुए नजर आती हैं।
#3
नंदलाल बोस की 'अन्नपूर्णा'
अन्नपूर्णा नंदलाल बोस द्वारा बनाई गई प्रसिद्ध पेंटिंग है, जिसे 1943 में बनाया गया था। इसमें हिंदू देवी अन्नपूर्णा को दर्शाया गया है, जिन्हें भोजन और पोषण की देवी कहा जाता है।
देवी के एक हाथ में खाने का बर्तन और दूसरे में चम्मच है, जो जीवन और भोजन देने की उनकी क्षमता को दर्शाते हैं।
इस पेंटिंग में नारंगी और पीले जैसे जीवंत रंगों का इस्तेमाल किया जाता है और यह पारंपरिक भारतीय कला तकनीकों का अनोखा नमूना है।
#4
एमएफ हुसैन की 'गज गामिनी'
एमएफ हुसैन प्रसिद्ध भारतीय चित्रकार, फोटोग्राफर और फिल्म निर्माता थे। वे अपनी जीवंत रंगों का इस्तेमाल करके बनाई गई पेंटिंग्स के लिए जाने जाते थे।
उन्होंने बॉलीवुड की मशहूर अभिनेत्री माधुरी दीक्षित से प्रेरित हो कर एक पेंटिंग बनाई थी, जिसे 'गज गामिनी' नाम दिया गया था।
इस पेंटिंग में एक महिला सिर पर पोटली रखकर बलखाते हुए चल रही है, जिसकी तुलना हाथी की चाल से की गई है। यह पेंटिंग सौंदर्य, एलिगेंस और स्त्री ऊर्जा को दर्शाती है।
#5
राजा रवि वर्मा द्वारा की 'लेडी अंडर मूनलाइट'
राजा रवि वर्मा ने 1889 में एक खूबसूरत पेंटिंग बनाई, जिसका नाम 'लेडी अंडर मूनलाइट' रखा गया। यह ऑयल पेंट रंगों से तैयार की गई थी और इसे उनकी सबसे सराहनीय कलाकृतियों की सूची में शामिल किया जाता है।
इसमें एक महिला नीला ब्लाउज और साड़ी पहनकर रात के समय चांद की रोशनी के तले बैठी हुई है। महिला का चेहरा चमक रहा है और वह सीधे देख रही है, मानो देखने वालों से कोई सवाल करना चाहती हो।