सावन शिवरात्रि विशेष: भगवान शिव के प्रिय ये पत्ते स्वास्थ्य के लिए होते हैं फायदेमंद
आज यानी 19 जुलाई को सावन की शिवरात्रि है। धार्मिक मान्यताों में सावन की शिवरात्रि का बड़ा ही महत्व है क्योंकि इसमें व्रत रखने वालों के सारे कष्ट दूर हो जाते हैं। इस दिन लोग मंदिर में जाकर शिवलिंग पर दूध, जल और फूल समेत कई ऐसे पत्ते अर्पित करते हैं जो भगवान शिव को बेहद प्रिय हैं। ये पत्ते न सिर्फ पूजा बल्कि स्वास्थ्य के लिए भी बहुत अच्छे माने जाते हैं। आइये जानते हैं इसकी वजह।
बेलपत्र
शिवजी को अर्पित किया जाने वाला बेलपत्र का महत्व सिर्फ पूजा तक ही सीमित नहीं है, बल्कि आपके स्वास्थ्य के लिहाज से भी ये बहुत फायदेमंद है। दरअसल, बेलपत्र में प्रोटीन, बीटा-कैरोटीन, थायमीन, कैल्शियम और आयरन आदि पोषक तत्व शामिल होते हैं जो हृदय को पूर्ण सुरक्षा देने में सहायक हैं। बेलपत्र का काढ़ा बनाकर पीने से हृदय से जुड़े जोखिमों से राहत मिलती है और हृदय मजबूत होता है। श्वास रोगियों के लिए भी यह अमृत के समान है।
धतूरा
शिवपुराण के मुताबिक शिवजी को धतूरा अर्पित करने वालों को शिवजी धन-धान्य प्रदान करते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि धतूरे का फल और पत्ता औषधि की तरह काम करता है और अर्थराइटिस के रोगियों के लिए ये बेहद लाभकारी होता है। दर्द होने पर धतूरे के पंचांग का रस निकालकर उसको तिल के तेल में पका लें। फिर प्रभावित जगह पर इससे मालिश करके धतूरे का पत्ता बांध लें। इससे अर्थराइटिस की समस्या ठीक हो जाएगी।
आक
आमतौर पर ऐसा कहा जाता है कि जो भक्त भगवान शिव को आक अर्पित करते हैं, भगवान शिव उनके मानसिक और शारीरिक सभी तरह के कष्ट दूर कर देते हैं। पूजा में इस महत्व के अलावा आक का पत्ता औषधीय गुणों से भी भरपूर होता है और सेहत के लिए बहुत फायदेमंद होता है। इसकी फूल-पत्तियों का इस्तेमाल अस्थमा, मधुमेह, खाद-खुजली और एलर्जी जैसी कई बीमारियों को दूर करने में मदद करता है।
दूर्वा घास
भगवान शिव और उनके पुत्र गणेशजी को दूर्वा बेहद पसंद है। किन क्या आप जानते हैं कि भगवान शिव की प्रिय दूर्वा घास आपके स्वास्थ्य के लिए भी बहुत अच्छी होती है क्योंकि इसमें अनेक गुणकारी तत्व होते हैं जो विभिन्न रोगों को खत्म करने की क्षमता रखते हैं। इसी कारण दूर्वा घास में अमृत बसे होने की बात कही जाती है और बीमारियों से बचे रहने के लिए इसके रस का सेवन किया जा सकता है।