जानिए कैसे की जाती है बैटल रोप एक्सरसाइज और इससे जुड़ी कुछ खास बातें
बैटल रोप एक तरह की कार्डियो एक्सरसाइज है जिसे रस्सियों की मदद से किया जाता है। बैटल रोप एक्सरसाइज में इस्तेमाल की जाने वाली रस्सी 30 मीटर लंबी और 1.5 इंच चौड़ी से लेकर 100 मीटर लंबी और 2.5 मीटर तक चौड़ी होती है। अगर आप रोजाना इस एक्सरसाइज को करते हैं तो इससे आपको कई स्वास्थ्य लाभ मिल सकते हैं। आइए आज आपको इस एक्सरसाइज को करने का तरीका और इससे जुड़ी कुछ अहम बातें बताते हैं।
बैटल रोप एक्सरसाइज करने का तरीका
सबसे पहले जमीन पर एड़ियों के बल खड़े हो जाएं। इसके बाद रस्सी के दोनों सिरों को दोनों हाथों में पकड़ें। अब अपने शरीर को आगे की ओर थोड़ा झुकाएं और ध्यान रखें कि शरीर पीछे की ओर जरा सा भी न झुके। इसके बाद रस्सियों को उछालकर इनसे टेढ़ी-मेढ़ी तरंगें (zig zag waves) बनाएं। धीरे-धीरे रस्सी उछालने की गति बढ़ाएं और तेजी से बैटल रोप करें। कुछ मिनट इस एक्सरसाइज को लगातार करके बंद कर दें।
एक्सरसाइज के दौरान जरूर बरतें ये सावधानियां
इस एक्सरसाइज को करने से पहले कुछ मिनट ठीक ढंग से वार्मअप जरूर करें। शुरूआत में बैटल रोप एक्सरसाइज को एक जिम ट्रेनर के सामने करें। अगर आपको हाथ-पैर, पीठ या फिर सीने में दर्द है तो इस एक्सरसाइज को करने से बचें। अपनी क्षमता से अधिक वजन की रस्सी न उठाएं। गर्भवती महिलाओं को भी यह एक्सरसाइज नहीं करनी चाहिए। अगर आप अर्थराइटिस से ग्रस्त हैं तो भी इस एक्सरसाइज को न करें।
रोजाना बैटल रोप एक्सरसाइज करने के फायदे
इस एक्सरसाइज का शरीर की हृदय वाहिनियों पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। यह एक्सरसाइज शरीर में जमे अतिरिक्त वसा को कम करने में मदद कर सकती है। यह एक्सरसाइज शरीर की सभी मांसपेशियों को मजबूती प्रदान करने में सहायक है। इस एक्सरसाइज से शरीर का पॉश्चर ठीक करने में भी मदद मिलती है। इस एक्सरसाइज से शरीर का ब्लड सर्कुलेशन बेहतर रहता है और इससे शरीर में लचीलापन भी आता है। यह एक्सरसाइज एक बेहतरीन एनर्जी बूस्टर है।
एक्सरसाइज से जुड़ी महत्वपूर्ण टिप्स
इस एक्सरसाइज को करते समय रस्सी के सिरों को अच्छी तरह से और एकदम टाइट पकड़ें। एक्सरसाइज के दौरान रस्सी से तरंग बनाने के लिए बाहों की बजाय कंधों का अधिक इस्तेमाल करें। बैटल रोप का अभ्यास करते समय सामान्य रूप से सांस लेते रहें। इस एक्सरसाइज को करते समय अपने सिर और कूल्हों पर अधिक दबाव न डालें। एक्सरसाइज के दौरान अपनी गर्दन को जकड़ें नहीं, बल्कि इसे सामान्य रखें।