इन घरेलू मसालों से घर पर की जा सकती है अरोमाथेरेपी, मिलेंगे कई स्वास्थ्य संबंधित लाभ
कई शारीरिक समस्याओं से राहत दिलाने में अरोमाथेरेपी (सुगंध से उपचार) काफी सहायक साबित हो सकता है। आमतौर पर लोग इसके लिए एसेंशियल ऑयल्स का इस्तेमाल करते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि एसेंशियल ऑयल्स की जगह घरेलू मसालों का इस्तेमाल भी अरोमाथेरेपी के लिए किया जा सकता है। आइए आज हम आपको बताते हैं कि अरोमाथेरेपी के लिए कौन-कौन से घरेलू मसालों का इस्तेमाल किया जा सकता है।
हल्दी
हल्दी खाने को रंग और स्वाद से भरपूर बनाने के साथ-साथ स्वास्थ्यवर्धक भी बनाती है। हल्दी एंटी-वायरल, एंटी-बैक्टीरियल, एंटी-फंगल और एंटी-ऑक्सीडेंट जैसे कई पोषक गुणों से संपूर्ण मानी जाती है और शरीर के जहरीले तत्वों को बाहर निकालने के साथ-साथ संक्रमण से बचाने में सहायक मानी जाती है। इसके अलावा हल्दी में करक्यूमिन पाया जाता है, जिसका पूरे स्वास्थ्य पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। इसलिए इसके पाउडर या फिर तेल का इस्तेमाल अरोमाथेरेपी के लिए करना लाभदायक हो सकता है।
काली मिर्च
काली मिर्च के दाने या फिर पाउडर लगभग हर किसी की रसोई में मौजूद होता है। यह खाने का स्वाद बढ़ाने के साथ-साथ शरीर की कई समस्याओं को दूर करने में मददगार है, इसलिए आयुर्वेदिक उपचार के लिए इसका इस्तेमाल औषधि के रूप में किया जाता है। काली मिर्च का इस्तेमाल अरोमाथेरेपी के लिए करके आप सर्दी, खांसी और जुकाम के साथ-साथ कई मानसिक विकारों से भी छुटकारा पा सकते हैं।
दालचीनी
दालचीनी अपने पोषक गुणों के लिए विश्वभर में प्रसिद्ध है और इसका सेवन शारीरिक स्वास्थ्य के लिए बहुत लाभकारी होता है। इसका मुख्य कारण यह है कि दालचीनी कई जरूरी पोषक तत्वों के साथ-साथ एंटी-ऑक्सीडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुणों से भरपूर होती है। आप दालचीनी के पाउडर या फिर तेल का अरोमाथेरेपी के लिए इस्तेमाल करके कई तरह की शारीरिक समस्याओं और मानसिक विकारों से जल्द राहत पा सकते हैं।
अदरक
कई भारतीय रसोई में अदरक का इस्तेमाल किया जाता है क्योंकि यह भोजन में स्वाद लाने के साथ ही अच्छी सुगंध देने में मदद करता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि अदरक कई औषधीय गुणों से भी समृद्ध होता है। अदरक में एंटी-ऑक्सीडेंट और एंटी इंफ्लेमेटरी गुण के साथ-साथ इम्यूनोन्यूट्रीशन गुण भी मौजूद होता है, जिनका पूरे स्वास्थ्य पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। इसलिए आप इसके पाउडर या फिर रस का इस्तेमाल भी अरोमाथेरेपी के लिए कर सकते हैं।