
क्या कांच की बोतलों में पीने का पानी रखना सुरक्षित है? जानिए क्या कहते हैं विशेषज्ञ
क्या है खबर?
प्लास्टिक से होने वाले पर्यावरणीय नुकसान को देखते हुए कई लोगों ने पीने का पानी कांच की बोतलों में रखना शुरू कर दिया है। लेकिन सवाल उठता है कि क्या कांच की बोतलें या कंटेनर सुरक्षित हैं?
ज्यादातर लोगों को इसकी सही जानकारी नहीं है, जिसकी वजह से वे फैसला नहीं ले पाते।
आज हम आपको बताएंगे कि कांच की बोतलों में पानी रखना सुरक्षित है या नहीं और इसके बारे में विशेषज्ञ क्या कहते हैं।
बयान
कांच की कुछ बोतलें, प्लास्टिक की तुलना में होती है अधिक हानिकारक
भारत के पहले प्रमाणित जल परिचालक VEEN Waters के भारत एवं भारतीय उपमहाद्वीप के संचालन प्रमुख गणेश अय्यर के अनुसार, कई बार कांच की कुछ बोतलें, PET या प्लास्टिक की तुलना में अधिक हानिकारक होती हैं।
असुरक्षा
ऐसी स्थिति में कांच की बोतलों में पानी रखना होता है असुरक्षित
उन्होंने आगे कहा, "कांच की बोतलें विभिन्न ग्रेड में उपलब्ध हैं, लेकिन उनमें से सभी मिनरल वाटर या अन्य पेय पदार्थों को रखने के लिए अच्छी नहीं है।"
उदाहरण के लिए आपके पास जो कांच की बोतल है, अगर वो टूटी-फूटी कोटिंग के साथ हो या उसमें कांच का छोटा टुकड़ा टूटकर पड़ा हो जो आंख से दिखाई न दे, तो उस स्थिति में कांच की बोतल में पानी रखना आपके स्वास्थ्य के लिए बहुत हानिकारक हो सकता है।
सुरक्षा
इस तरह की कांच की बोतलें होती हैं पूरी तरह सुरक्षित
कुछ कांच की बोतलों में लेड, कैडमियम और क्रोमियम जैसे जहरीले तत्त्वों की मात्रा पाई जाती है, लेकिन आकर्षक आकार और रंगीन आवरण देखकर ग्राहक समझ नहीं पाते हैं और छले जाते हैं।
अय्यर के अनुसार, पीने का पानी रखने के लिए ऐसी कांच की बोतलों का इस्तेमाल करना चाहिए, जो फार्मास्यूटिकल ग्रेड या फ्लिंट ग्लास टाइप-III की हों। ऐसी बोतलें पूरी तरह से सुरक्षित होती हैं।
जानकारी
हर स्थिति में कांच की बोतलें हैं बेहतर
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि किसी भी स्थिति में कांच की बोतलें पीने का पानी रखने के लिए PET या प्लास्टिक की बोतलों से ज्यादा सुरक्षित होती हैं। इसकी कुछ वजहें हैं, जिनके बारे में नीचे विस्तार से बताया गया है।
#1, 2
मिनरल्स संरक्षित रहते हैं, पर्यावरण को नहीं होता है नुकसान
कांच की बोतलों में पानी रखने से मिनरल्स संरक्षित रहते हैं और पानी हमेशा ताजा रहता है। इससे स्वास्थ्य को कई फायदे होते हैं।
इसके अलावा कांच की बोतलों को दोबारा गलाकर नई बोतलें बनाई जा सकती हैं, जबकि प्लास्टिक की बोतलें महासागरों में या यहां-वहां फेंक दी जाती हैं, जिन्हें अपघटित होने में 450 वर्ष से ज्यादा समय लगता है। इस तरह कांच की बोतलों से पर्यावरण को नुकसान नहीं होता है।
#3, 4
पानी का तापमान स्थिर रहता है, साफ करने में होती है आसानी
ठंड का मौसम हो या गर्मी का, कांच की बोतलें अपने तापमान को स्थिर बनाए रखने में सक्षम होती हैं। इस तरह कांच की बोतल में रखे पेय पदार्थ के फ्लेवर और उसके रंग में कोई बदलाव नहीं होता है।
इसके अलावा कांच की बोतलों का रख-रखाव और उनकी साफ-सफाई आसान होती है। जिससे संक्रमण होने का खतरा कम रहता है और स्वास्थ्य को कोई नुकसान नहीं होता है। जबकि PET या प्लास्टिक की बोतलों के साथ ऐसा नहीं है।
#5
दूषित होने का खतरा न के बराबर
PET या प्लास्टिक की बोतल से पानी पीते समय अक्सर आपने एक अलग गंध या स्वाद का अनुभव किया होगा।
दरअसल, जब बोतल गर्मी और आर्द्रता के संपर्क में आती है तो BPA जैसे हानिकारक जहरीले तत्व छोड़ती है, जिससे गंभीर बीमारियां हो सकती हैं।
वहीं, कांच की बोतलों के साथ ऐसी कोई समस्या नहीं होती है और उसमें रखे पानी के दूषित होने का खतरा न के बराबर होता है। इसलिए कांच की बोतलें हर तरह से सुरक्षित हैं।
जानकारी
ज्यादातर प्लास्टिकों का होता है केवल एक बार इस्तेमाल
जानकारी के अनुसार, 30 अलग-अलग प्रकार के प्लास्टिक में से केवल सात प्रकार के प्लास्टिक हैं, जिनको दोबारा इस्तेमाल करके कुछ बनाया जा सकता है। ज्यादातर प्लास्टिक एक बार इस्तेमाल करने के बाद फेंक दिए जाते हैं और पर्यावरण को नुकसान पहुंचाते हैं।