वायु प्रदूषण: अस्थमा अटैक से बचने के लिए अपनाएं ये 5 असरदार तरीके
सर्दियों के दौरान वायु प्रदूषण के स्तर में बढ़ोतरी अस्थमा से पीड़ित लोगों की परेशानी बढ़ा सकती है। दिवाली के आसपास ऐसा ज्यादा होता है क्योंकि पटाखों से सल्फर डाइऑक्साइड, नाइट्रोजन डाइऑक्साइड और सूक्ष्म कणों सहित कई खतरनाक वायु प्रदूषक निकलते हैं, जो श्वसन तंत्र में जाकर अस्थमा अटैक और सांस लेने में समस्या पैदा कर सकते हैं। आइए जानते हैं कि आप इन परेशानियों से बचने के लिए क्या कर सकते हैं।
AQI के हिसाब से बनाएं योजना
AQI यानी वायु गुणवत्ता सूचकांक, जिससे वायु की गुणवत्ता मापी जाती है। अगर आपके इलाके का AQI बहुत ज्यादा बढ़ा हुआ है तो अपनी गतिविधियों की योजना कुछ इस तरह बनाएं कि आपको घर से अधिक बाहर न निकलना पड़े। खासकर अगर आपके इलाके में AQI रेड या ऑरेंज है तो बाहर जाकर प्राणायाम या फिर एक्सरसाइज न करें। इसके अलावा बिना मास्क के बाहर न निकलें और घर पर भी एयर प्यूरीफायर का इस्तेमाल करें।
घर के प्रदूषण को कम करने की करें कोशिश
अगर आप सोचते हैं कि बाहर के प्रदूषण से आपका घर आपको बचाता है तो आप शायद गलत हैं क्योंकि प्रदूषण के कारण घर की हवा भी खराब होने लगती है। हालांकि, आप कुछ छोटे-छोटे बदलाव करके आप अपने घर के प्रदूषण को कम कर सकते हैं। उदाहरण के लिए अपने घर का वेंटिलेशन सही करें, घर में हवा को शुद्ध करने वाले पौधे लगाएं और ऐसी किसी चीज का इस्तेमाल न करें, जिससे घर में धुआं हो।
बाहर निकलते समय मुंह को जरूर ढकें
अगर आपको अस्थमा या फिर अन्य सांस संबंधी रोग है तो घर से बाहर निकलने से पहले अपने मुंह को जरूर ढकें। इसके लिए आप N-95 मास्क का इस्तेमाल कर सकते हैं, जिससे हानिकारक धुआं आपकी नाक में जाने से बच सकता है। सांस की समस्याओं वाले बच्चों के लिए उनके चिकित्सकों से परामर्श के बाद दवाओं के अलावा नेबुलाइजेशन एक अतिरिक्त उपचार विकल्प हो सकता है।
हमेशा अपने पास इंहेलर रखें
अगर आप अस्थमा या फिर ब्रीदिंग एलर्जी से ग्रस्त हैं तो हर समय अपना इंहेलर अपने पास रखें। इसके अतिरिक्त अपने पास एक ब्रीदिंग बैग रखें और डॉक्टर के पास पहुंचने तक इसका इस्तेमाल करें। साथ ही डॉक्टर की सलाह के बाद ही कोई दवा खाएं। इस बात का भी ध्यान रखें कि आपके लिए आर्टिफिशयल स्वीटनर से बनी मिठाइयों का सेवन करना भी सही नहीं है।
फेफड़ों को लाभ पहुंचाने वाली एक्सरसाइज करें
मेडिटेशन जैसी सांस संबंधी एक्सरसाइज फेफड़ों से प्रदूषक कणों को हटा सकती हैं। इसके लिए अपने पैरों को मोड़कर और पीठ सीधी करके बैठें, फिर आंखें बंद कर लें। इसके बाद अपनी नाक से गहरी, धीमी और लंबी सांस लें। इस दौरान अपने पेट को जितना हो सके, अंदर की तरफ जाने दें। अब अपने गले को धीरे से सिकोड़ते हुए नाक से धीरे-धीरे सांस छोड़ें। इस प्रकिया को 5 से 8 मिनट तक दोहराएं।