सेतु बंध सर्वांगासन: जानिए इस योगासन के अभ्यास का तरीका और अन्य महत्वपूर्ण बातें
क्या है खबर?
योग एक प्राचीन अभ्यास है, जिसमें स्वास्थ्य से संबंधित समस्याओं का इलाज करने के लिए कई आसन मौजूद हैं।
इन्हीं आसनों में से एक सेतु बंध सर्वांगासन है। यह एक सामान्य योगासन है, जिसे अंग्रेजी में ब्रिज पोज भी कहा जाता है।
नियमित रूप से इसके अभ्यास से शारीरिक स्वास्थ्य के साथ-साथ मानसिक स्वास्थ्य में भी सुधार करने में मदद मिलती है।
आइये आज इस प्राचीन योग मुद्रा के अभ्यास का तरीका और अन्य महत्वपूर्व बातें जानते हैं।
इतिहास
इस योगासन का इतिहास
इस योगासन का नाम संस्कृत के शब्दों से मिलकर बना है। इसमें सेतु का मतलब पुल, बंध का मतलब बांधना, सर्व का मतलब सभी और आसन का मतलब मुद्रा है।
यह आसन एक पुल की संरचना के समान दिखता है, इसलिए इसका नाम सेतु बंध सर्वांगासन है।
इस योगासन का अभ्यास सदियों से किया जा रहा है, लेकिन 19वीं सदी के श्रीतत्त्वनिधि के पाठ में इसका उल्लेख कामापीठासन के रूप में किया गया है। यह 1868 में लिखा गया था।
तरीका
सेतु बंध सर्वांगासन करने का तरीका
इस योगासन का अभ्यास करने के लिए सबसे पहले पीठ के बल लेट जाएं और शरीर के बगल में हाथों को सीधा रखें।
अब दोनों घुटनों को मोड़ें और पैरों को फर्श पर रखकर उन्हें हाथों से पकड़ लें। इसके साथ अपने कंधों, हाथों और पैरों का सहारा लेते हुए अपनी पीठ को फर्श से उठाएं।
थोड़ी देर तक इसी मुद्रा में बने रहें और फिर सामान्य स्थिति में आ जाएं।
स्वास्थ्य लाभ
योगासन से मिलने वाले फायदे
यह आसन पीठ, गर्दन, रीढ़, सीने और कूल्हों को फैलाने में मदद करता है।
जो लोग नियमित रूप से इसका अभ्यास करते हैं, उनके तंत्रिका तंत्र और दिमाग पर शांत प्रभाव पड़ता है और पाचन क्रिया में भी सुधार होता है।
इसके अलावा ऐसे लोग, जो ऑस्टियोपोरोसिस, साइनसाइटिस और हाइपरटेंशन से पीड़ित हैं, उनके लिए यह योग मुद्रा अत्यधिक फायदेमंद है।
यह आपके ब्लड सर्कुलेशन को भी बढ़ाता है और थकान से राहत दिलाने में मदद करता है।
सावधानियां
कौन इस योगासन के अभ्यास को कर सकता है और कौन नहीं?
इस योगासन का अभ्यास डॉक्टर की सलाह के बाद और योग विशेषज्ञ के मार्गदर्शन से गर्भवती महिलाएं कर सकती हैं। हालांकि, इस दौरान अपने शरीर की क्षमता पर जरूर ध्यान रखें।
अगर आप गर्दन, कंधे और पीठ की समस्याओं से पीड़ित हैं तो इस आसन को करने से बचें क्योंकि इससे आपको चोट लग सकती है।
इसके अलावा घुटने के दर्द या घुटने बदलवाने वाले लोगों को भी इसका अभ्यास करने से बचना चाहिए।