फैटी लिवर के जोखिम को कम करने में मदद कर सकते हैं ये घरेलू नुस्खे
गलत खान-पान के कारण शरीर कई गंभीर रोगों की चपेट में आ सकता है। इन्हीं रोगों में से एक है फैटी लिवर जो उल्टे-सीधे खाने के कारण होता है। यह रोग लिवर की कोशिकाओं में ज्यादा फैट जमा होने की वजह से होता है और इसमें लिवर सही तरह से काम करना बंद कर देता है। हालांकि, कुछ घरेलू नुस्खे इस बीमारी के जोखिम को कम करने में मदद कर सकते हैं। आइए आज उन्हीं के बारे में जानते हैं।
डाइट में शामिल करें हल्दी
हल्दी का सेवन फैटी लिवर के जोखिम को कम करने में काफी मदद कर सकता है। दरअसल, हल्दी में मौजूद करक्यूमिन नॉन एल्कोहॉलिक फैटी लिवर की समस्या को कुछ हद तक कम करने में मददगार हो सकता है। समस्या होने पर रोजाना एक गिलास गर्म दूध में हल्दी को मिलाकर पिएं। इसके अलावा, अपनी डाइट में विभिन्न तरह से हल्दी को शामिल करें। यकीनन इससे नॉन एल्कोहॉलिक फैटी लिवर से काफी बचाव होगा।
ग्रीन टी पिएं
ग्रीन टी में एंटी-ऑक्सिडेंट समेत कई ऐसे पोषक तत्व शामिल होते हैं जो लिवर को स्वस्थ रखने में सहायक साबित हो सकते हैं। बता दें कि ग्रीन टी का सेवन भी फैटी लिवर के जोखिम को कम करने में सहायता प्रदान कर सकता है। इसके अलावा ग्रीन टी अन्य कई समस्याओं से भी राहत दिलाती है। इसलिए नियमित तौर पर एक से दो प्याली ग्रीन टी का सेवन करना सुनिश्चित करें।
मुलेठी है कारगर
मुलेटी भी फैटी लिवर के जोखिम को कम करने में काफी मदद कर सकती है। इसका मुख्य कारण यह है कि इसमें एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण और एंटी-ऑक्सीडेंट गुण के साथ-साथ हेपटोप्रोटेक्टिव यानि लिवर को सुरक्षित रखने गुण पाए जाते हैं। समस्या से बचाव के लिए आधी छोटी चम्मच मुलेठी के बीज के चूर्ण को आधे कप गर्म पानी में मिलाएं, फिर इसे छानकर पी लें। इस प्रक्रिया को एक सप्ताह तक प्रतिदिन दोहराएं।
मिल्क थिसल टी पिएं
मिल्क थिसल सिलीमरीन नामक एक खास तत्व से युक्त होते हैं। इस तत्व में एंटी-ऑक्सीडेंट और डिटॉक्सिफाइंग गुण होते हैं, जो फैटी लिवर के जोखिम को कम करने में सहायक साबित हो सकते हैं। समस्या के प्रभाव को कम करने के लिए एक कप गर्म पानी में एक मिल्क थिसल टी का बैग डूबोकर कुछ मिनट छोड़ दें। अब बैग को कप से निकालकर इसमें थोड़ा शहद मिलाएं और पी लें। इस प्रक्रिया को दिन में दो-तीन बार दोहराएं।