कार्पल टनल सिंड्रोम के जोखिम को कम करने में सहायक हैं ये योगासन, ऐसे करें अभ्यास
क्या है खबर?
कार्पल टनल सिंड्रोम हाथ से जुड़ी एक बीमारी है जिसमें कंधे से लेकर कलाई तक जाने वाली मुख्य नस पर दबाव पड़ता है और इससे हाथ की कार्यक्षमता पर बुरा असर पड़ता है।
आमतौर पर काफी समय तक लैपटॉप या कंप्यूटर पर टाइपिंग करना कार्पल टनल सिंड्रोम का कारण बन सकता है।
आइए आज आपको कुछ ऐसे योगासनों के अभ्यास का तरीका बताते हैं जो कार्पल टनल सिंड्रोम के जोखिम को कम करने में सहायक हो सकते हैं।
#1
गोमुखासन
गोमुखासन करने के लिए सबसे पहले योगा मैट पर दंडासन की स्थिति में बैठें। अब अपने दाएं पैर को मोड़कर बाईं जांघ के ऊपर से नितंब के पास जमीन पर रखें।
इसी तरह अपने बाएं पैर को मोड़कर दाईं जंघा के नीचे से दाए नितंब के पास जमीन पर रखें।
अब अपने दोनों हाथों को कोहनी से मोड़ते हुए उन्हें पीठ के पीछे आपस में पकड़ने का प्रयास करें। कुछ देर इसी अवस्था में बने रहें।
#2
गरुड़ासन
सबसे पहले योगा मैट पर सीधे खड़े हो जाएं। इस दौरान सामान्य रूप से सांस लेने की प्रक्रिया जारी रखें।
अब पूरे शरीर का संतुलन दाएं पैर पर ले आएं और बाएं पैर को दाएं पैर के घुटने के ऊपर से उसके पीछे ले जाएं।
फिर अपनी दोनों बाजुओं को कोहनी से मोड़ते हुए क्रॉस बना लें और इस मुद्रा में जितनी देर हो सके खुद को बनाकर रखें। इसके बाद धीरे-धीरे सामान्य हो जाएं।
#3
कुंभकासन
कुंभकासन के लिए पहले योगा मैट पर टेबलटॉप स्थिति में आ जाएं। फिर अपने एक पैर को पीछे की ओर करके पंजे को जमीन से सटाएं। इसी तरह दूसरे पैर को भी फैलाएं।
अब अपने पैरों के पंजों और हाथों की हथेलियों पर पूरे शरीर का भार डालते हुए शरीर को ऊपर उठाने की कोशिश करें।
इस दौरान कमर और गर्दन को बिल्कुल सीधा रखें और कुछ देर इसी अवस्था में बने रहने के बाद धीरे-धीरे सामान्य हो जाएं।
#4
भुजंगासन
भुजंगासन का अभ्यास करने के लिए सबसे पहले योगा मैट पर अपने हाथों को अपने कंधों के नीचे रखकर पेट के बल लेट जाएं।
अब अपने हाथों से दबाव देते हुए अपने शरीर को जहां तक संभव हो सके ऊपर उठाने की कोशिश करें। इस दौरान सामान्य तरीके से सांस लेते रहें।
कुछ देर इसी मुद्रा में बने रहें और फिर धीरे-धीरे सामान्य हो जाएं। थोड़ी देर बाद फिर से इस योगासन को करें।