अपनी रोजाना की डाइट में जरूर शामिल करें विटामिन K2, मिलेंगे ये प्रमुख शारीरिक लाभ
क्या है खबर?
शरीर को स्वस्थ रहने के लिए सभी तरह के विटामिन की जरूरत होती है, जिनमें से एक है विटामिन K2। यह विटामिन हमारी हड्डियों के स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद माना जाता है।
जब हमारा शरीर कैल्शियम को तोड़ने की कोशिश करता है तो विटामिन K2 एक प्रोटीन को सक्रिय करके इसे हमारी हड्डियों तक पहुंचाता है। आप अपनी डाइट में ब्रोकली जैसी हरी सब्जियां खाकर ये विटामिन पा सकते हैं।
विटामिन K2 से आपके शरीर को ये शारीरिक फायदे मिलेंगे।
#1
हड्डियों का स्वास्थ्य होता है दुरुस्त
विटामिन K2 मैट्रिक्स GLA और ऑस्टियोकैल्सिन नामक प्रोटीन के उत्पादन को बढ़ाता है। ये दोनों प्रोटीन कैल्शियम अवशोषण को उत्तेजित करके हमारी हड्डियों को मजबूत बनाने में मदद करते हैं।
फ्रंटियर्स इन पब्लिक हेल्थ जर्नल में प्रकाशित एक अध्ययन में कहा गया है कि विटामिन K2 मेनोपॉज से जूझ रहीं महिलाओं में हड्डियों के खनिजकरण और मजबूती को बढ़ाने के लिए अच्छा है।
#2
दिल के स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद
दिल को स्वस्थ रखने के लिए सबसे जरूरी है शरीर में कैल्शियम को जमने से रोकना। इसके लिए आप अपने खान-पान में विटामिन K2 को शामिल करने पर विचार कर सकते हैं।
यूरोपियन जर्नल ऑफ न्यूट्रिशन में प्रकाशित एक अध्ययन के मुताबिक जो लोग विटामिन K1 और K2 से भरपूर आहार लेते हैं, उनमें हृदय रोगों का खतरा काफी हद तक कम हो जाता है।
शरीर को सभी विटामिन मिलना सुनिश्चित करने के लिए अपनाएं ये तरीके।
#3
दांत बनेंगे स्वस्थ
विटामिन K2 आपके दांतों को मजबूत बनाता है और उन्हें सड़ने से रोकने में भी मदद करता है।
BMC ओरल हेल्थ में प्रकाशित एक अध्ययन में पाया गया कि जब बुजुर्ग लोगों को नियमित रूप से विटामिन K2 और फाइबर की खुराक दी जाती है, तो इससे पीरियडोंटल बीमारी और दांतों के नुकसान को रोकने में मदद मिलती है।
विटामिन K2 में ऑस्टियोकैल्सिन होता है, जो दांतों के स्वास्थ्य को सुधारने में बेहद मददगार साबित होने वाला प्रोटीन है।
#4
कैंसर की रोकथाम में सहायक
कई अध्ययनों में पाया गया है कि विटामिन K2 कैंसर, विशेषकर लीवर कैंसर की रोकथाम में मदद करता है। हालांकि, अभी इस विषय पर और अधिक शोध की आवश्यकता है।
फ्रंटियर्स इन ऑन्कोलॉजी में प्रकाशित एक अध्ययन में कहा गया है कि विटामिन K2 लीवर कैंसर कोशिकाओं की वृद्धि को रोक सकता है। हालांकि, पुनरावृत्ति दर और जीवित रहने की दर पर इसके प्रभाव पर अभी भी शोध किए जा रहे हैं।