हनुमान जयंती: जानिए इस दिन का महत्व, शुभ मुहूर्त और अन्य महत्वपूर्ण बातें
क्या है खबर?
हिंदू धर्म में हनुमान जयंती के त्योहार का काफी महत्व है। इसे हनुमथ जयंती, हनुमान जन्मोत्सव, आंजनेय जयंती और बजरंगबली जयंती के नाम से भी जाना जाता है।
भगवान हनुमान माता अंजनी और केसरी के पुत्र हैं। उन्हें वायु देव का पुत्र भी कहा जाता है।
हिंदू पंचांग के अनुसार, हनुमान जयंती चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को पड़ती है।
आइए इस त्योहार से जुड़ी महत्वपूर्ण बातें जानते हैं।
मुहूर्त
हनुमान जयंती का शुभ मुहूर्त
द्रिक पंचांग के अनुसार, हनुमान जयंती 6 अप्रैल (गुरुवार) को है।
हालांकि, पूर्णिमा तिथि 5 अप्रैल को सुबह 9:19 बजे से शुरू होगी और 6 अप्रैल को सुबह 10:04 बजे समाप्त होगी।
हनुमान जयंती मनाने की योजना बना रहे भक्तों के लिए पूरे दिन में विभिन्न शुभ मुहूर्त होगें, जो इस प्रकार है-
1) सुबह 6:06 से 7:40 बजे तक
2) सुबह 10:49 से दोपहर 3:32 बजे तक
3) शाम 5:07 से 8:07 बजे तक
महत्व
हनुमान जयंती का महत्व
मान्यता के अनुसार, हनुमान जयंती को भगवान हनुमान के जन्म दिवस के रूप में मनाया जाता है। वह भगवान राम के प्रमुख भक्त हैं और हिंदू महाकाव्य रामायण के मुख्य जनों में से एक हैं।
ऐसे में भगवान हनुमान के जन्म की उत्पत्ति भगवान राम के युग से जुड़ी हुई है।
भगवान हनुमान की प्रार्थना करने से किसी के जीवन में सद्भाव, शक्ति और सफलता लाने में मदद मिलती है।
जन्म
चित्रा नक्षत्र में हुआ था भगवान हनुमान का जन्म
द्रिक पंचांग के अनुसार, माना जाता है कि भगवान हनुमान का जन्म मंगलवार (मंगलवार) को सूर्योदय के ठीक बाद चैत्र पूर्णिमा के दौरान हुआ था। उनका जन्म चित्रा नक्षत्र और मेष लग्न के दौरान हुआ था।
भगवान हनुमान को महादेव का अवतार और अष्ट सिद्धि और नव निधि का स्वामी कहा जाता है।
वह भरपूर ऊर्जा, वफादारी और भक्ति का प्रतिनिधित्व करते हैं।
तरीका
कैसे मनाएं यह त्योहर?
आप चाहें तो हनुमान जयंती पर उपवास रखकर भगवान हनुमान की पूजा-अर्चना कर सकते हैं या घर पर किर्तन आयोजित कर सकते हैं।
अगर आप पहली बार हनुमान जयंती पर उपवास रख रहे हैं तो यह जरूरी है कि आप ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान करें और साफ कपड़े पहनने के बाद कलश स्थापना से पूजा की शुरुआत करें। इसी तरह अखंड दीपक जलाकर हनुमान चालीसा या सुंदरकांड का पाठ करें।
उपवास के दौरान इन 5 व्यंजनों को ट्राई करें।