साइनोसाइटिस (साइनस): जानिए नाक से जुड़ी इस बीमारी के कारण, लक्षण और बचाव के उपाय
साइनस नाक से जुड़ी एक बीमारी है और इसे चिकित्सक भाषा में साइनोसाइटिस कहा जाता है। इससे बंद नाक, सिर में दर्द और सांस लेने में तकलीफ जैसी समस्याएंं होती हैं, वहीं यह बीमारी किसी भी उम्र में प्रभावित कर सकती है। मौसम की स्थिति, फ्लू या एलर्जी इस स्थिति को ट्रिगर कर सकती है और इसका प्रभाव कुछ घंटों या दिनों तक रहता है। आइए आज इस बीमारी के प्रकार, कारण, लक्षण और बचाव के उपाय जानते हैं।
साइनस क्या है?
साइनस खोपड़ी में भरी हुई हवा होती है और यह माथे, नाक की हड्डी, गाल समेत आंखों के पीछे होती है। जब साइनस में सूजन या म्यूकस यानी बलगम जम जाती है तो इसमें कीटाणु पनपने लगते हैं, जो स्थिति को बिगाड़ सकता है।
मुख्य रूप से चार प्रकार का होता है साइनस
एक्यूट राइनोसाइनसाइटिस: वायरल इंफेक्शन के कारण होने वाला यह साइनस चार या उससे कम समय के लिए होता है। रिकरंट एक्यूट राइनोसाइनसाइटिस: यह समय-समय पर होने वाला साइनस है और हमेशा सात दिन तक इसके लक्षण दिखते हैं। बार-बार होने के कारण इसे रिकरंट कहा जाता है। क्रॉनिक साइनसाइटिस: यह लगभग तीन महीने तक रहने वाला साइनस है। यह एलर्जी, इंफेक्शन और सूजन के कारण हो सकता है। एलर्जिक साइनसाइटिस: यह साइनस किसी एलर्जी के कारण व्यक्ति को होता है।
साइनस होने के कारण
सामान्य सर्दी, पॉलीप्स बीमारी या कमजोर इम्यूनिटी के कारण साइनस हो सकता है। विभिन्न मौसमी एलर्जी भी इसका कारण हो सकता है। सेप्टम, जो नाक मार्ग के बीचों बीच पतली दीवार होती है और जब यह प्रभावित होती है तो यह भी साइनस का एक कारण हो सकता है। वायरस, फंगस, बैक्टीरिया, प्रदूषित हवा और नाक की हड्डी का बढ़ना भी साइनस का कारण बन सकता है।
साइनस से जुड़े लक्षण
साइनस से ग्रस्त लोग एक समय में कई लक्षणों से गुजरते हैं, जो उनकी स्थिति पर निर्भर करता है। वे हल्के से अधिक चेहरे पर दबाव या दर्द का अनुभव कर सकते हैं। इसके अतिरिक्त, बंद नाक, नाक का बहना और सांसों से बदबू आना भी इसके लक्षण हैं। सिरदर्द, कान में दर्द, दांत दर्द, आंखों के पीछे दर्द, थकान, खांसी और बुखार भी साइनस के लक्षण हो सकते हैं।
ओवर-द-काउंटर दवाओं से मिल सकती है राहत
स्थिति की गंभीरता के आधार पर साइनस को कई उपचारों से ठीक किया जा सकता है। बेहतर होगा कि आप साइनस के लक्षण दिखते ही डॉक्टर से संपर्क करें। सामान्य सर्दी या एलर्जी के इलाज के लिए डॉक्टर आपको कुछ ओवर-द-काउंटर दवाएं लेने की सलाह दे सकते हैं। यदि लक्षणों में सुधार नहीं होता है तो डॉक्टर आपको एंटीबायोटिक्स, इंट्रानेजल स्प्रे या नाक में डालने वाली ड्रॉप्स भी दे सकते हैं।