Page Loader
क्या दालों के सेवन बढ़ जाता है यूरिक एसिड? जानें सच्चाई और अन्य जरूरी बातें
दालों का यूरिक एसिड पर असर

क्या दालों के सेवन बढ़ जाता है यूरिक एसिड? जानें सच्चाई और अन्य जरूरी बातें

लेखन अंजली
Jan 03, 2025
04:43 am

क्या है खबर?

दालों को लेकर एक आम धारणा है कि वे यूरिक एसिड के स्तर को बढ़ा सकती हैं। यह भ्रम कई लोगों के बीच फैला हुआ है, खासकर उन लोगों में जो गाउट या जोड़ों के दर्द से पीड़ित होते हैं। हालांकि, क्या वास्तव में दालें यूरिक एसिड बढ़ाती हैं? इस लेख में हम इसी सवाल का जवाब देने की कोशिश करेंगे और जानेंगे कि इस भ्रम की सच्चाई क्या है।

#1

दालों का पोषण मूल्य समझें

दालें प्रोटीन, फाइबर और विटामिन्स का अच्छा स्रोत होती हैं। इनमें आयरन, मैग्नीशियम और पोटैशियम जैसे खनिज भी होते हैं, जो शरीर के लिए जरूरी होते हैं। दालों में मौजूद प्रोटीन शाकाहारी लोगों के लिए मांस का एक बेहतरीन विकल्प होता है। इसके अलावा फाइबर पाचन तंत्र को स्वस्थ रखने में मदद करता है और वजन नियंत्रित करने में सहायक होता है। इसलिए दालों को अपनी डाइट में शामिल करना सेहतमंद जीवनशैली का हिस्सा हो सकता है।

#2

क्या दालें खाने से यूरिक एसिड बढ़ता है?

यूरिक एसिड शरीर द्वारा प्यूरिन नामक पदार्थ के टूटने पर बनता है। प्यूरिन कुछ खाद्य पदार्थों जैसे रेड मीट, सीफूड और शराब में अधिक मात्रा में पाया जाता है। हालांकि, दालों में भी प्यूरिन होता है, लेकिन इसकी मात्रा बहुत कम होती है, जो यूरिक एसिड स्तर को प्रभावित नहीं करती। इसलिए यह कहना गलत होगा कि केवल दाल खाने से ही यूरिक एसिड बढ़ता है।

#3

गाउट रोगियों के लिए सलाह

गाउट रोगियों को अक्सर सलाह दी जाती है कि वे अपनी डाइट से प्यूरिन युक्त खाद्य पदार्थ कम करें ताकि उनके शरीर में यूरिक एसिड का स्तर नियंत्रित रहे। हालांकि, इसका मतलब यह नहीं कि उन्हें पूरी तरह से दाल छोड़ देनी चाहिए क्योंकि उनमें मौजूद पोषक तत्व स्वास्थ्य के लिए लाभकारी होते हैं। डॉक्टर की सलाह अनुसार संतुलित मात्रा में दाल खाना सुरक्षित हो सकता है, जिससे पोषण की कमी न हो सकेगी और स्वास्थ्य भी ठीक रहेगा।

#4

सही जानकारी पर ध्यान दें

यह जरूरी है कि हम किसी भी स्वास्थ्य संबंधी जानकारी पर आंख मूंदकर विश्वास न करें बल्कि उसके पीछे की वैज्ञानिक सच्चाई जानने की कोशिश करें। इंटरनेट पर उपलब्ध जानकारी हमेशा सही नहीं होती इसलिए विशेषज्ञों या डॉक्टर से सलाह लेना बेहतर होता है ताकि आप सही निर्णय ले सकें और अपनी सेहत का ध्यान रख सकें। किसी भ्रम पर विश्वास न करके आप अपनी जीवनशैली सुधार सकें।