गुजरात: चंपानेर-पावागढ़ पुरातात्विक उद्यान की यात्रा में इन 5 जगहों को बनाएं हिस्सा
क्या है खबर?
गुजरात का चंपानेर-पावागढ़ पुरातात्विक उद्यान एक ऐतिहासिक स्थल है, जो यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल के रूप में जाना जाता है।
यह स्थान प्राचीन वास्तुकला और प्राकृतिक सुंदरता का अनोखा संगम है। यहां की यात्रा आपको इतिहास में ले जाती है, जहां आप सोलंकी वंश की भव्य इमारतें और मंदिर देख सकते हैं।
पावागढ़ पहाड़ी पर स्थित यह उद्यान धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व रखता है, जहां हर साल हजारों श्रद्धालु दर्शन करने आते हैं।
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पावागढ़ किला
पावागढ़ किला चंपानेर-पावागढ़ पुरातात्विक उद्यान का मुख्य आकर्षण है।
यह किला 15वीं शताब्दी में बनाया गया था और इसकी वास्तुकला सोलंकी शैली का बेहतरीन उदाहरण है।
किले तक पहुंचने के लिए पैदल या रोपवे से जाना होता है, जो अपने आप में एक रोमांचक अनुभव है।
यहां से चारों ओर का नजारा बेहद खूबसूरत है, खासकर सूर्योदय और सूर्यास्त के समय। किले की दीवारें और बुर्ज आज भी अपनी मजबूती बयां करते हैं, जो अतीत की याद दिलाते हैं।
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कालिका माता मंदिर
पावागढ़ पहाड़ी पर स्थित कालिका माता मंदिर धार्मिक आस्था का प्रमुख केंद्र है।
यह मंदिर हिंदू धर्मावलंबियों के लिए विशेष महत्व रखता है और यहां हर साल लाखों श्रद्धालु दर्शन करने आते हैं।
मंदिर तक पहुंचने के लिए लगभग 1800 सीढियां चढ़नी पड़ती हैं या रोपवे सेवा का उपयोग कर सकते हैं।
इस यात्रा में प्राकृतिक सौंदर्य भी आपका साथ देता है, जिससे थकान कम होती है। मंदिर परिसर से आसपास की घाटियों और जंगलों का दृश्य मनमोहक है।
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जामी मस्जिद
चंपानेर शहर में स्थित जामी मस्जिद स्थापत्य कला का अनोखा नमूना पेश करती है, जिसे देखकर आप इसके निर्माण कौशल को सराहे बिना नहीं रह सकते।
इस मस्जिद को महमूद बेगड़ा ने बनवाया था और इसका निर्माण कार्य 15वीं शताब्दी में पूरा हुआ था।
मस्जिद की संरचना हिंदू-मुस्लिम वास्तुकला शैली का मिश्रण दर्शाती है, जिसमें सुंदर नक्काशीदार स्तंभ, गुंबद और मेहराब शामिल हैं। यहां आने वाले पर्यटक इसकी भव्यता देखकर मंत्रमुग्ध हो जाते हैं।
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सात कमान
सात कमान चंपानेर शहर के प्रवेश द्वार पर स्थित प्राचीन द्वार समूह हैं, जो कभी शहर की सुरक्षा व्यवस्था का हिस्सा थे।
ये सात विशाल द्वार आज भी अपनी मजबूती बयां करते हुए खड़े हैं, जिनके माध्यम से आप अतीत की झलक पा सकते हैं।
इनका निर्माण सोलंकी वंश द्वारा किया गया था जिसका उद्देश्य दुश्मनों से रक्षा करना था, लेकिन अब ये पर्यटकों को आकर्षित करते हुए उनकी तस्वीरें खींचने हेतु आदर्श स्थान बन गए हैं।
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माची हवेली
माची हवेली चंपानेर-पावागढ़ पुरातात्विक उद्यान का एक महत्वपूर्ण स्थल है, जो राजसी जीवनशैली की झलक प्रस्तुत करता है।
यहां के कमरे, आंगन और बालकनी में सुंदर नक्काशीदार दरवाजे-खिड़कियां हैं। इस हवेली को देखकर उस समय के राजा-महाराजाओं के जीवन जीने के तरीके समझ सकते हैं।
ेयहां घूमते वक्त ऐसा लगता है जैसे हम पुराने जमाने में पहुंच गए हों जहां सबकुछ भव्य है। इतिहास प्रेमियों के लिए यह स्थान अवश्य देखना चाहिए।