हाई ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने में मदद कर सकती हैं ये मुद्राएं, ऐसे करें अभ्यास
आधुनिक दौर में हाई ब्लड प्रेशर एक बेहद आम बीमारी बन गई है क्योंकि हर चौथा व्यक्ति इससे ग्रसित है। हाई ब्लड प्रेशर से डायबिटीज, स्ट्रोक, किडनी फेल, दिल की बीमारी या मौत भी हो सकती है, इसलिए इसे नियंत्रित करना जरूरी है। इसके लिए आप कुछ योग मुद्राओं का सहारा ले सकते हैं। आइए आज आपको ऐसे ही कुछ मुद्राओं के अभ्यास का तरीका बताते हैं, जो हाई ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने में सक्षम है।
अपान वायु मुद्रा
अपान वायु मुद्रा के लिए पहले सुखासन की मुद्रा में बैठें। अब अपने हाथों को सीधा करके घुटनों पर रखें। इस दौरान आपकी हथेलियां आसमान की ओर हो। इसके बाद अपने हाथों की तर्जनी उंगली (इंडेक्स फिंगर) को मोड़ते हुए अंगूठे की जड़ से सटाएं, फिर अनामिका (रिंग फिंगर) और मध्यमा उंगली को मोड़कर अंगूठे की नोक को दबाएं। इस दौरान छोटी उंगली बाहर की ओर फैलाएं और दोनों आंखें बंद रखें। कुछ देर बाद इस मुद्रा को छोड़ दें।
आकाश मुद्रा
सबसे पहले योगा मैट पर पद्मासन या किसी भी आरामदायक स्थिति में बैठ जाएं। अब सामान्य रूप से सांस लेते हुए अपने दोनों हाथों को अपने दोनों घुटनों पर रखें। इसके बाद अपने दोनों हाथों की मध्यमा उंगली यानि सेंटर फिंगर के ऊपरी हिस्से को अंगूठे के ऊपरी हिस्से से मिलाएं और बाकी उंगलियों को सीधा रखें। अब अपनी दोनों आंखों को बंद करें और अपनी सांस पर ध्यान केंद्रित करें। 10 से 15 मिनट तक इस मुद्रा में रहें।
प्राण मुद्रा
प्राण मुद्रा के लिए पहले योगा मैट पर किसी आरामदायक मुद्रा में बैठ जाएं। अब अपने दोनों हाथों को अपने घुटनों पर रखें। इस दौरान हथेलियां आकाश की तरफ होनी चाहिए। इसके बाद अपने हाथों की सबसे छोटी उंगली और अनामिका उंगली को अंगूठे के नोक से छूएं। बाकि उंगलियों को सीधा रखें। फिर अपनी दोनों आंखों को बंद करें और इस मुद्रा में 20-25 मिनट तक रहने की कोशिश करें।
सूर्य मुद्रा
सबसे पहले योगा मैट पर पद्मासन या फिर सुखासन की मुद्रा में बैठ जाएं। इसके बाद आप अपने दोनों हाथों को सीधा करके अपने घुटनों पर रखें। इस दौरान हथेलियां ऊपर की ओर हों। अब अपने दोनों हाथों के अंगूठों को अनामिका (रिंग फिंगर) उंगलियों के ऊपर रखें। बाकि सभी उंगलियां सीधी रखें, फिर अपनी दोनों आंखों को बंद करें और अपनी सांस पर ध्यान केंद्रित करें। 15 मिनट तक इस मुद्रा में रहें।