कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु में स्थित हैं ये खूबसूरत पर्यटन स्थल, जरूर घूमने जाएं
कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु IT केंद्र के रूप में अधिक प्रसिद्ध है, लेकिन यह पर्यटन की दृष्टि से भी बहुत संपन्न जगह है। यह शहर मुख्य रूप से अपने सुंदर और हरे-भरे स्थानों के कारण छुट्टियों पर आने वालों को आकर्षित करता है, जिसके कारण इसे 'गार्डन सिटी' का उपनाम मिला है। इसके अतिरिक्त शहर की अनुकूल जलवायु परिस्थितियां आपकी यात्रा को आनंददायक बना सकती हैं। आइए आज हम आपको बेंगलुरु के पर्यटन स्थलों के बारे में बताते हैं।
बेंगलुरु पैलेस
1879 में निर्मित यह विशाल महल 45,000 वर्ग फुट में फैला हुआ है और इसकी दीवारों पर ट्यूडर और स्कॉटिश गोथिक वास्तुकला का एक बेहतरीन मिश्रण दिखाई देता है। एक किंवदंती के मुताबिक, राजा चामराजेंद्र वाडियार को महल के निर्माण की प्रेरणा लंदन के विंडसर महल से मिली थी। यह कई सांस्कृतिक कार्यक्रमों, रॉक शो और यहां तक कि शादियों की मेजबानी भी करता है, जिस वजह से यह बेंगलुरू के शीर्ष पर्यटन स्थानों की सूची में शामिल है।
टीपू सुल्तान का किला
टीपू सुल्तान के किले का निर्माण बेंगलुरु के संस्थापक नादप्रभु केम्पेगौड़ा ने साल 1537 में मिट्टी की ईंटों से कराया था। टीपू के पिता हैदर अली ने इसमें बदलाव करके इसे बड़ा किया और इस प्रक्रिया में ग्रेनाइट पत्थरों का इस्तेमाल किया गया। इस 2 किले में खंभे, नक्काशीदार मेहराब और बालकनी हैं। अगर आप ऐतिहासिक तथ्यों को जाना पसंद करते हैं तो आपको किले की आर्ट गैलरी जरूर देखनी चाहिए, जिसमें पुरानी पेंटिंग, तस्वीरें और नक्काशी हैं।
लाल बाग बॉटैनिकल गार्डन
लाल बाग बॉटैनिकल गार्डन की उत्पत्ति 1760 के दशक में हुई थी और मैसूर के तत्कालीन शासक हैदर अली ने अपने परिवार के लिए एक निजी पार्क के रूप में ये 40 एकड़ भूमि चुनी थी। अभी जो पार्क है, वह टीपू सुल्तान, ब्रिटिश और अन्य क्षेत्रीय शासकों द्वारा सालों में किए गए निरंतर विस्तार और विकास का परिणाम है। इस पार्क में पौधों, जड़ी-बूटियों और पेड़ों की 1,800 से अधिक प्रजातियां हैं।
नंदी पहाड़ी
नंदी पहाड़ी एक बहुत खूबसूरत हिल स्टेशन है, जहां से पलार और अर्कावती नदियां निकलती हैं। इस पहाड़ी का नाम प्रसिद्ध नंदी मंदिर के नाम पर रखा गया, जो पहाड़ी की चोटी पर स्थित है। यह समुद्र तल से 1478 मीटर ऊपर स्थित है। यहां के कुछ पर्यटक आकर्षणों में अमृत सरोवर, हॉर्स वे, पलार और अर्कावती नदियों का उद्गम स्थल, योग नंदीश्वर मंदिर और टीपू ड्रॉप शामिल हैं।
चोल मंदिर
एक समय बेंगलुरु पर चोल वंश का शासन था, जो दक्षिण का एक महत्वपूर्ण शासक राजवंश था। उन्होंने बेंगलुरु पर एक शताब्दी से अधिक समय तक शासन किया और शहर पर उनकी छाप उनके द्वारा शहर के चारों ओर बनाए गए कई मंदिरों से देखी जा सकती है। ये मंदिर 1,500 वर्ष से अधिक पुराने हैं और बेंगलुरु में चोलों के एक समय के गौरवशाली साम्राज्य का प्रदर्शन करते हैं। आप बेंगलुरु की यात्रा करते समय यहां घूमने जरूर जाएं।