रूमेटाइड अर्थराइटिस के दर्द और सूजन से राहत दिलाने में सहायक हैं ये एसेंशियल ऑयल्स
क्या है खबर?
रूमेटाइड अर्थराइटिस एक तरह का अर्थराइटिस है, जिससे ग्रस्त व्यक्ति के शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता स्वस्थ कोशिकाओं को नुकसान पहुंचाने लगती है।
इससे शरीर के जोड़ वाले हिस्सों में सूजन और तेज दर्द शुरू हो जाता है, इसलिए समय रहते इस बीमारी का उपचार जरूरी है।
आइए आज आपको कुछ ऐसे एसेंशियल ऑयल्स के बारे में बताते हैं, जिनसे रूमेटाइड अर्थराइटिस के जोखिमों को कम करने में काफी मदद मिल सकती है।
#1
ईवनिंग प्रिमरोज ऑयल
ईवनिंग प्रिमरोज ऑयल के इस्तेमाल से रूमेटाइड अर्थराइटिस के दर्द और सूजन को कम करने में काफी मदद मिल सकती है।
रोजाना इस ऑयल की मालिश करने से शरीर में रक्त का प्रवाह बना रहता है और जोड़ों और मांसपेशियों में दर्द की समस्या नहीं होती है। इसलिए जोड़ो से संबंधित गंभीर समस्याओं से राहत देने में ईवनिंग प्रिमरोज ऑयल का इस्तेमाल मददगार है।
जब भी आपको रूमेटाइड अर्थराइटिस का दर्द या सूजन हो तभी इस ऑयल का इस्तेमाल करें।
#2
लैवेंडर एसेंशियल ऑयल
लैवेंडर एसेंशियल ऑयल कई ऐसे गुणों से समृद्ध होता है, जो रूमेटाइड अर्थराइटिस के प्रभाव को कम करने में मदद कर सकते हैं।
अगर आपको रूमेटाइड अर्थराइटिस है और आपको कभी भी इसके कारण जोड़ों में दर्द या फिर सूजन हो तो इससे राहत पाने के लिए लैवेंडर ऑयल की कुछ बूंदें डिफ्यूजर में डालें और इसे चालू करके अपने बिस्तर के पास रखें।
लैवेंडर ऑयल की सुगंध दर्द और सूजन को कम करने का काम कर सकत है।
#3
नीलगिरी एसेंशियल ऑयल
नीलगिरी एसेंशियल ऑयल में एनाल्जेसिक (दर्द निवारक) और एंटी-इंफ्लेमेटरी (सूजन कम करने वाला) प्रभाव पाए जाते हैं। ये प्रभाव रूमेटाइड अर्थराइटिस के दर्द और सूजन से राहत दिलाने में काफी मदद कर सकते हैं।
राहत के लिए पहले इस तेल की कुछ बूंदों के साथ एक चम्मच जोजोबा ऑयल या फिर ऑर्गेन ऑयल मिलाएं। अब मिश्रण को उंगलियों की मदद से प्रभावित जगह पर कुछ मिनट तक हल्के हाथों से मलें।
ऐसा दिन में दो से तीन बार करें।
#4
जिंजर एसेंशियल ऑयल
रूमेटाइड अर्थराइटिस के दर्द और सूजन से राहत पाने के लिए जिंजर एसेंशियल ऑयल का इस्तेमाल करना लाभदायक हो सकता है।
इसके लिए पहले एक मुलायम तौलिए को गर्म पानी (ध्यान रखें कि पानी ज्यादा गर्म न हो) में भिगोएं, फिर इसे निचोड़कर इस पर दो-तीन बूंद जिंजर ऑयल की डालें।
इसके बाद तौलिए को दर्द और सूजन से प्रभावित हिस्से पर लपेटें और जब तौलिया ठंडा हो जाए तो फिर से इसे पानी से भिगोकर उसी हिस्से पर लगाएं।