ओट्स या मूसली? जानिए वजन घटाने में किसका सेवन है ज्यादा फायदेमंद
अधिकतर लोग अपने नाश्ते में ओट्स और मूसली को शामिल कर रहे हैं। बाजारों में भी इनकी अलग-अलग तरह की किस्में उपलब्ध हैं। इसका कारण हैं कि दोनों चीजें पोषक तत्वों से भरपूर और बनाने में आसान हैं, लेकिन वजन घटाने के इनमें से क्या बेहतर है? अगर आप इस बारे में जानना चाहते हैं तो आइए आज आपको ओट्स और मूसली के बीच अंतर और पोषण सामग्रियां बताते हैं ताकि आप सही विकल्प को आसनी से चुन सकें।
ओट्स और मूसली क्या हैं?
ओट्स यानी जई एक तरह का साबुत अनाज है, जिसका आमतौर पर दलिया बनाकर खाया जाता है। यह डाइटरी फाइबर, कई विटामिन और एंटी-ऑक्सिडेंट से भरपूर होते हैं और ये ग्लूटेन मुक्त भी होते हैं। दूसरी ओर, मूसली रोल्ड ओट्स, नट्स, खाने योग्य बीज, सूखे मेवे और कुछ साबुत अनाज का मिश्रण है। इसे आमतौर पर दूध या दही के साथ खाया जाता है। यहां जानिए नाश्ते में मूसली खाने के फायदे।
ओट्स में मौजूद पोषण सामग्रियां
ओट्स में डाइटरी फाइबर की मात्रा ज्यादा होता है,जो लंबे समय तक पेट को भरा हुआ महसूस कराने में मदद करता है, जिससे भोजन के बीच अधिक खाने और स्नैकिंग की संभावना कम हो जाती है। इसमें कैलोरी काफी कम होती है। इसके अतिरिक्त ओट्स में कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स (GI) होता है यानी यह ब्लड शुगर के स्तर को स्थिर रखकर अचानक भूख लगने से रोकता है। साथ ही इसमें प्रोटीन, कैल्शियम और मैग्नीशियम जैसे खनिज भी होते हैं।
मूसली का पोषण मूल्य और फायदे
मूसली में मौजूद सामग्रियां विटामिन, खनिज और एंटी-ऑक्सीडेंट से भरपूर होती हैं, जो समग्र स्वास्थ्य के लिए अच्छा है। इसमें सूखे मेवे और बीज होते हैं, जो प्रोटीन की मात्रा को बढ़ाते हैं। प्रोटीन शरीर की मांसपेशियों के लिए एक जरूरी खनिज है। इसके अतिरिक्त मसूली में स्वस्थ वसा भी होती है, जो भरपूर ऊर्जा प्रदान कर सकती है। साथ ही मूसली को बनाकर खाना आसान है क्योंकि इसे तैयार करने के लिए बस दूध या दही डालना होता है।
ओट्स या मूसली, वजन घटाने के लिए किसका चयन है बेहतर?
वजन घटाने के लिए ओट्स और मूसली के बीच का चयन आपकी प्राथमिकताओं और आहार संबंधी आवश्यकताओं पर निर्भर करता है। हालांकि, मूसली के मुकाबले में ओट्स वजन को नियंत्रित करने में काफी मदद कर सकते हैं क्योंकि यह डाइटरी फाइबर का बेहतरीन स्त्रोत है। इसके अतिरिक्त इसमें मूसली के मुकाबले काफी कम कैलोरी होती है। साथ ही मधुमेह रोगी भी इसे अपनी डाइट में शामिल कर सकते हैं।