निर्गुण्डी जड़ी बूटी के औषधीय गुणों से लोग हैं अनजान, जानिए इससे मिलने वाले स्वास्थ्य लाभ
क्या है खबर?
अश्वगंधा, शिलाजीत, केसर, सौंफ, नीम, और हल्दी जैसी जड़ी बूटियों के बारे में तो सभी ने सुना है। हालांकि, एक ऐसी जड़ी बूटी भी है, जिसके बारे में काफी कम लोग जानते हैं।
इस आयुर्वेदिक जड़ी बूटी का नाम है निर्गुण्डी, जो चमत्कारी उपचारात्मक गुणों से लैस होती है। यह जड़ी बूटी त्वचा की समस्याओं, श्वसन समस्याओं और दर्द से निजात दिला सकती है।
आइए निर्गुण्डी के स्वास्थ्य लाभों के बारे में जानते हैं।
#1
प्रतिरक्षा को करती है मजबूत
निर्गुण्डी के पत्ते कई एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होते हैं, जिनकी मदद से आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत हो सकती है।
इसके सेवन से आप संक्रमण से सुरक्षित रहेंगे और आपका शरीर बीमारियों से लड़ने में अधिक सक्षम हो जाएगा। आप इसके पत्तों का जूस बनाकर पी सकते हैं या उन्हें ऐसे ही चबा सकते हैं।
इस जड़ी बूटी के एंटी-फंगल और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण बैक्टीरिया से लड़ते हैं और सर्दी, जुखाम व अन्य बीमारियों के इलाज में मदद करते हैं।
#2
बाल हो जाते हैं काले
निर्गुण्डी के जरिए बालों की देखभाल करने से आपके बाल प्राकृतिक रूप से काले हो सकते हैं। इस जड़ी बूटी में फ्लेवोनोइड्स और टेरपेनोइड्स जैसे एंटीऑक्सिडेंट के साथ-साथ विटामिन-C और E भी मौजूद होता है।
इनकी मदद से बाल लंबे, घने और काले होते हैं। आप निर्गुण्डी के तेल में सरसों का तेल मिलाकर मालिश कर सकते हैं।
इससे बाल सफेद नहीं होंगे और बालों का झड़ना भी कम हो जाएगा। इससे बालों का उलझना भी कम होगा।
#3
दर्द और सूजन से दिलाती है राहत
अगर आप रोजाना जोड़ों के दर्द या मांसपेशियों के दर्द से पीड़ित रहते हैं तो आपको निर्गुण्डी के पत्ते चबाने चाहिए। यह जड़ी बूटी प्राकृतिक सूजन रोधी गुणों से समृद्ध होती है।
आपको इसकी पत्तियों को पीसकर इसका तेल बनाना चाहिए और दर्द से प्रभावित अंगो पर मालिश करनी चाहिए। यह जोड़ों के दर्द, गठिया और मांसपेशियों के दर्द से राहत दिला सकता है।
साथ ही, इसके नियमित इस्तेमाल से आपके शरीर पर आई सूजन भी कम हो जाएगी।
#4
अस्थमा के इलाज में मददगार
अस्थमा फेफड़ों की बीमारी है, जिसके दौरान सांस लेने में तकलीफ होती है, खांसी आती है और सीने में दर्द होता है।
निर्गुण्डी इस बीमारी के इलाज में मदद कर सकती है। नाक, गर्दन और छाती पर निर्गुण्डी का तेल लगाने से अस्थमा से पीड़ित लोगों को राहत मिल सकती है।
इससे नाक में जमा बलगम कम हो जाता है और सांस लेना आसान हो जाता है। यह ब्रोंकाइटिस जैसी श्वसन संबंधी बीमारियों के उपचार में भी सहायता करती है।
#5
पीरियड्स को करती है नियमित
कई महिलाओं की पीरियड्स साइकिल नियमित नहीं होती है। इसका मतलब है कि उन्हें हर महीने अलग-अलग तारीख पर पीरियड्स आते हैं।
ऐसी महिलाओं को निर्गुण्डी का सेवन करना चाहिए, क्योंकि यह पीरियड्स को नियमित करने में मदद कर सकती है। इसमें मौजूद टेरपेनोइड्स नामक यौगिक हार्मोन को संतुलित रखता है।
यह जड़ी बूटी हार्मोन असंतुलन को ठीक करती है, ऐंठन को कम करती है और पीरियड्स के कारण होने वाले चिड़चिड़ेपन को भी कम करती है।