#NewsBytesExplainer: मिग-21 विमान को क्यों कहा जाता है 'उड़ता ताबूत' और हाल में कब-कब हुईं दुर्घटनाएं?
क्या है खबर?
राजस्थान के हनुमानगढ़ इलाके के बहलोल नगर में सोमवार सुबह भारतीय वायुसेना का एक मिग-21 लड़ाकू विमान दुर्घटनाग्रस्त होकर एक घर के ऊपर गिर गया, जिससे घर में मौजूद महिलाओं समेत 3 लोगों की मौत हो गई।
पिछले 60 सालों में मिग-21 विमानों में 400 दुर्घटनाएं हुई हैं, जिनमें करीब 200 जवान शहीद हो गए। इसी कारण इसे 'उड़ता ताबूत' कहा जाता है।
आइए वायुसेना में इस विमान के सफर और दुर्घटनाओं पर एक नजर डालते हैं।
मिग-21
भारतीय वायुसेना में कब शामिल हुए मिग-21 विमान?
सोवियत संघ के दौर में मिग-21 को भारतीय वायुसेना के बेड़े में शामिल किया गया था। 1963 में रूस से भारत को पहला सिंगल इंजन मिग-21 मिला था।
इस विमान में समय-समय पर कई अपग्रेड किए जा चुके हैं। ऐसे ही अपग्रेडेड वर्जन मिग-21 बाइसन को पहली बार 1976 में सेवा में लिया गया था।
ये भारत का सबसे लंबे समय तक सेवा देने वाला लड़ाकू विमान है। इसे 2025 तक सेवा से बाहर कर दिया जाएगा।
विमान
मिग-21 ने बालाकोट एयरस्ट्राइक में निभाई थी अहम भूमिका
भारत के हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) ने रूस के साथ मिलकर मिग-21 विमानों में कई अपग्रेड किए हैं। साल 2000 में मिग-21 को नए सेंसर और हथियारों के साथ अपग्रेड किया गया था।
मिग-21 लड़ाकू विमानों ने फरवरी, 2019 में बालाकोट एयरस्ट्राइक के बाद पैदा हुई तनावपूर्ण स्थिति में भी अति महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
उस वक्त विंग कमांडर अभिनंदन वर्तमान ने बालाकोट एयरस्ट्राइक के अगले दिन मिग-21 से ही पाकिस्तान के एक F-16 लड़ाकू विमान को मार गिराया था।
उड़ता ताबूत
क्यों कहा जाता है मिग-21 को 'उड़ता ताबूत'?
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, मिग-21 लड़ाकू विमान 1990 के दशक में ही अपना रिटायरमेंट पीरियड पूरा कर चुके हैं और काफी पुराने होने के कारण ये अक्सर दुर्घटनाओं के शिकार होते रहते हैं।
मिग-21 के दुर्घटनाग्रस्त होने का लंबा इतिहास है। 1971 के बाद वायुसेना के 872 मिग-21 विमानों में से 400 से अधिक दुर्घटनाग्रस्त हो चुके हैं। इन हादसों में 200 पायलटों और करीब 60 नागरिकों की मौत हुई है।
इसी कारण इसे "उड़ता ताबूत" कहा जाता है।
हादसे
हाल ही में कब-कब दुर्घटनाग्रस्त हुआ मिग-21?
पिछले साल जुलाई, 2022 में राजस्थान के बाड़मेर के पास एक ट्रेनिंग के दौरान मिग-21 विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया था, जिसमें भारतीय वायुसेना के 2 पायलट शहीद हो गए थे।
इससे पहले 5 जनवरी, 2021 को सूरतगढ़ और 25 अगस्त को बाड़मेर में एक-एक मिग-21 बाइसन दुर्घटनाग्रस्त हुए थे। इन दोनों दुर्घटनाओं में पायलट सुरक्षित बच गए थे।
हालांकि, इसी साल 24 दिसंबर को जैसलमेर में मिग-21 दुर्घटनाग्रस्त होने से विंग कमांडर हर्षित सक्सेना शहीद हो गए थे।
हादसे
इन हादसों में भी पायलटों ने गंवाई जान
17 मार्च, 2021 को ग्वालियर एयरबेस से उड़ान भरने के बाद एक मिग-21 विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। इस हादसे में ग्रुप कैप्टन आशीष गुप्ता शहीद हो गए थे।
इसके बाद 21 मई, 2021 को पंजाब में मोगा के पास मिग-21 बाइसन दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। इस लड़ाकू विमान ने राजस्थान के सूरतगढ़ एयरबेस से उड़ान भरी थी और इस हादसे में स्क्वाड्रन लीडर अभिषेक चौधरी शहीद हो गए थे।
सेवा
क्यों ली जा रही पुराने मिग-21 विमानों की सेवा?
भारतीय वायुसेना को नए विमान मिलने में हो रही देरी के कारण अभी तक मिग-21 विमान की 4 स्क्वाड्रन की सेवाएं ली जा रही हैं और इन्हें रिटायर नहीं किया गया।
इनके बदले सुखोई-30 और तेजस जैसे लड़ाकू विमानों को वायुसेना के बेड़े में शामिल करने की प्रक्रिया गतिमान है। वायुसेना ने पिछले साल 30 सितंबर तक मिग-21 बाइसन की एक स्क्वाड्रन को हटा दिया था।
बाकी स्क्वाड्रन को भी 2025 तक हटा दिया जाएगा।