इस महीने के अंत में रिटायर हो जाएगी विंग कमांडर अभिनंदन वर्तमान की मिग-21 स्क्वाड्रन
पाकिस्तान के F-16 लड़ाकू विमान को मार गिराने के समय विंग कमांडर अभिनंदन वर्तमान मिग-21 लड़ाकू विमानों की जिस स्क्वाड्रन में थे, उसे इस महीने के अंत तक रिटायर कर दिया जाएगा। इस स्क्वाड्रन का नाम 'स्वॉर्ड आर्म्स' है और यह वायुसेना में बची मिग-21 लड़ाकू विमानों की आखिरी चार स्क्वाड्रन में से एक है। विमानों के पुराने होने और बढ़ती दुर्घटनाएं के कारण तय योजना के तहत श्रीनगर की 'स्वॉर्ड आर्म्स' स्क्वाड्रन को रिटायर किया जा रहा है।
बेहद प्रतिष्ठित है 'स्वॉर्ड आर्म्स' स्क्वाड्रन
स्क्वाड्रन नंबर 51 या 'स्वॉर्ड आर्म्स' वायुसेना की प्रतिष्ठित स्क्वाड्रनों में से एक है और ये 1999 करगिल युद्ध के ऑपरेशन सफेद सागर में हिस्सा ले चुकी है। इसके लिए स्क्वाड्रन को एक वायुसेना मेडल और तीन उल्लेख मिले थे। इसके अलावा दिसंबर, 2001 में संसद पर आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान पर दबाव बनाने के लिए लॉन्च किए गए ऑपरेशन पराक्रम में भी 'स्वॉर्ड आर्म्स' को कश्मीर घाटी की हवाई रक्षा करने की अहम जिम्मेदार दी गई थी।
बालाकोट एयरस्ट्राइक के समय भी 'स्वॉर्ड आर्म्स' स्क्वाड्रन ने निभाई थी अहम भूमिका
'स्वॉर्ड आर्म्स' स्क्वाड्रन ने फरवरी, 2019 में बालाकोट एयरस्ट्राइक के बाद पैदा हुई तनावपूर्ण स्थिति में भी अति महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। एयरस्ट्राइक के अगले दिन पाकिस्तानी विमानों ने भारतीय सीमा में घुसपैठ की कोशिश की थी और इन विमानों को खदेड़ने के लिए भारत ने सुखोई और मिग-21 विमानों को भेजा था। इनमें विंग कमांडर (अब ग्रुप कैप्टन) अभिनंदन वर्तमान का मिग-21 बाइसन भी शामिल था, जिससे उन्होंने पाकिस्तान का अत्याधुनिक लड़ाकू विमान F-16 मार गिराया था।
अपनी बहादुरी के लिए वीर चक्र से नवाजे गए थे अभिनंदन
F-16 का गिराते समय अभिनंदन का खुद का मिग-21 लड़ाकू विमान पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में जा गिरा था और पाकिस्तानी सेना ने उन्हें पकड़ लिया था। भारत सरकार के पाकिस्तान पर दबाव डालने पर तीन दिन बाद उनकी घर वापसी हुई थी। इस बहादुरी के लिए अभिनंदन को वीर चक्र भी मिल चुका है जो भारत का तीसरा सबसे बड़ा वीरता पुरस्कार है। उन्हें 2019 में स्वतंत्रता दिवस के मौके पर इस पुरस्कार से नवाजा गया था।
भारत का सबसे लंबे समय तक सेवा देने वाला लड़ाकू विमान है मिग-21
मिग-21 सोवियत संघ के दौर का एक इंजन वाला मल्टीरोल लड़ाकू विमान है और इसे सोवियत संघ की मिकोयान-गुरेविच डिजाइन ब्यूरो ने डिजाइन किया था। यह 1963 से भारतीय वायुसेना का हिस्सा है और भारत का सबसे लंबे समय तक सेवा प्रदान करने वाला लड़ाकू विमान है। इसमें समय-समय पर कई अपग्रेड किए जा चुके हैं। ऐसे ही अपग्रेडेड वर्जन मिग-21 बाइसन को पहली बार 1976 में सेवा में लिया गया था।
बड़ी संख्या में दुर्घटनाओं के कारण मिग-21 को कहा जाता है "उड़ता ताबूत"
कुछ रिपोर्ट्स के अनुसार, मिग-21 लड़ाकू विमान 1990 के दशक में ही अपना रिटायरमेंट पीरियड पूरा कर चुके हैं और काफी पुराने होने के कारण ये अक्सर दुर्घटनाओं के शिकार होते रहते हैं। टाइम्स ऑफ इंडिया के अनुसार, 1971 के बाद वायुसेना के 872 मिग-21 विमानों में से 400 से अधिक दुर्घटनाग्रस्त हो चुके हैं। इन हादसों में 200 पायलटों और करीब 50 नागरिकों की मौत हुई है। इसी कारण मिग-21 को "उड़ता ताबूत" कहा जाता है।
2025 तक रिटायर कर दी जाएंगी बाकी तीन स्क्वाड्रन
नए विमान मिलने में हो रही देरी के कारण पुराने होने के बावजूद अभी तक मिग-21 लड़ाकू विमानों की सेवाएं ली जा रही हैं। इन्हें बदलने का प्रयास जारी है और 'स्वॉर्ड आर्म्स' के बाद बाकी तीन स्क्वाड्रन को 2025 तक रिटायर कर दिया जाएगा।