कौन है NEET पेपर लीक का कथित सरगना संजीव मुखिया?
राष्ट्रीय प्रवेश सह-पात्रता परीक्षा (NEET) के कथित पेपर लीक को लेकर बिहार पुलिस की जांच जैसे-जैसे आगे बढ़ती जा रही है, वैसे-वैसे नए खुलासे हो रहे हैं। अब इस मामले में संजीव मुखिया का नाम सामने आ रहा है, जिसे कथित पेपर लीक का सरगना बताया जा रहा है। फिलहाल वो पुलिस की पहुंच से दूर है और उसे पकड़ने के लिए लगातार छापे मारे जा रहे हैं। आइए जानते हैं संजीव मुखिया कौन है।
कौन है संजीव मुखिया?
न्यूज 18 की रिपोर्ट के मुताबिक, संजीव का असली नाम संजीव सिंह है। उसकी पत्नी ममता देवी एक ग्राम पंचायत की 'मुखिया' चुनी गई थीं, जिसके बाद संजीव को भी 'मुखिया' के नाम से पुकारा जाने लगा। संजीव मूल रूप से बिहार के नालंदा के नगरनौसा का रहने वाला है। बताया जाता है कि वो सॉल्वर गैंग का सदस्य रह चुका है और NEET की परीक्षा वाले दिन से ही फरार है।
कई पेपर लीक में सामने आया संजीव का नाम
पिछले 2 दशकों से संजीव विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं की सेटिंग में शामिल रहा है। 2016 में सिपाही भर्ती परीक्षा और बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) समेत कई परीक्षाओं में संजीव का नाम सामने आया है। वो शिक्षक बहाली पेपर लीक कांड में जेल भी जा चुका है। इसी मामले में संजीव का बेटा भी फिलहाल जेल में बंद है। उत्तर प्रदेश कॉन्स्टेबल भर्ती परीक्षा पेपर लीक मामले में भी संजीव का नाम सामने आया था।
सरकारी नौकरी छोड़कर पेपर लीक कराने लगा संजीव
संजीव नालंदा के नूरसराय कॉलेज में तकनीकी सहायक के पद पर तैनात था। इससे पहले वो सबौर कृषि महाविद्यालय में तैनात था, लेकिन पेपर लीक में नाम सामने आने के बाद उसका तबादला कर दिया गया। 2016 में उत्तराखंड पुलिस ने भी संजीव को गिरफ्तार किया था। संजीव की पत्नी हरनौत विधानसभा सीट से लोक जनशक्ति पार्टी (LJP) के टिकट पर चुनाव भी लड़ चुकी है, लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा था।
NEET मामले में संजीव पर क्या आरोप?
पुलिस को शक है कि पेपर सबसे पहले संजीव के पास ही पहुंचा था। संजीव को एक प्रोफेसर ने मोबाइल पर पेपर भेजा। इसके बाद संजीव ने इसे सिकंदर और दूसरे लोगों को भेजा। 4 मई की रात पटना के प्ले एंड लर्न स्कूल के छात्रावास में परीक्षार्थियों को पेपर रटवाया गया था। पुलिस के एक सूत्र ने न्यूज18 को बताया, "संजीव ने ही प्रश्नपत्र की व्यवस्था की और उसे 'रॉकी' नामक व्यक्ति को सौंपा, जो अभी भी फरार है।"
संजीव ने हर छात्र से मांगे थे 40 लाख रुपये
रिपोर्ट्स के मुताबिक, संजीव ने पेपर के बदले 40 लाख रुपये मांगे थे। इसमें से 8 लाख रुपये बिचौलियों को मिलने थे और बाकी बचे 32 लाख ऊपर जाने थे। इसकी पूरी योजना संजीव ने ही की थी। ये गैंग पेपर से एक दिन पहले परीक्षार्थियों को पटना ले आती थी और अलग-अलग जगह ठहराती थी। यहां रात में इन्हें पेपर रटवाए जाते थे। परीक्षार्थियों से पैसे परिणाम आने के बाद लिए जाने थे।