
अहमदाबाद विमान हादसे की जांच के लिए गठित AAIB के 5 सदस्यीय दल में कौन-कौन शामिल?
क्या है खबर?
अहमदाबाद में हुए एयर इंडिया विमान AI-171 हादसे की जांच के लिए विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (AAIB) द्वारा गठित 5 सदस्यीय दल ने गत शनिवार (12 जुलाई) को अपनी प्रारंभिक जांच रिपोर्ट जारी कर दी। इसमें बताया गया है कि विमान के दोनों इंजनों में ईंधन की आपूर्ति बंद होने से विमान हादसे का शिकार हुआ था। ऐसे में आइए जानते हैं हादसे की जांच करने वाले दल में कौन-कौन शामिल है और उन्होंने प्रारंभिक रिपोर्ट में क्या कहा है।
दल
AAIB जांच दल में काैन-कौन शामिल?
अहमदाबाद का विमान हादसा दुनिया की सबसे बड़ी विमान दुर्घटनाओं में से एक रहा है। इस हादसे के तुरंत बाद AAIB के महानिदेशक जीवीजी युगंधर ने घटना की जांच के लिए 5 सदस्यीय समिति गठित की। इसमें संजय कुमार सिंह को प्रभारी अन्वेषक और जसबीर सिंह लार्हगा को मुख्य अन्वेषक नियुक्त किया गया। इसी तरह अन्य सदस्यों में विपिन वेणु वरकोठ, वीरारागवन के. और वैष्णव विजयकुमार को शामिल किया गया था। इस टीम ने एक महीने तक जांच की है।
रिपोर्ट
AAIB की प्रारंभिक रिपोर्ट में क्या कहा गया है?
AAIB जांच दल द्वारा 12 जुलाई को जारी प्रारंभिक जांच रिपोर्ट में कहा गया है कि एयर इंडिया विमान के दोनों इंजन में ईंधन की आपूर्ति बंद हो गई थी और संभवत: इसी वजह से ये हादसा हुआ है। रिपोर्ट में ये भी कहा गया है कि इंजन के ईंधन नियंत्रण स्विच बंद थे, जिसके कुछ ही सेकंड बाद विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया। जांच में विमान में कोई भी तकनीकी या रखरखाव संबंधी कोई भी समस्या नहीं मिली है।
पहचान
कौन हैं जांच दल के प्रभारी अन्वेषक संजय कुमार?
वर्तमान में AAIB में निदेशक के रूप में कार्यरत 56 वर्षीय संजय को विमान दुर्घटना जांच और विमानन सुरक्षा में 15 वर्षों का अनुभव है। उन्होंने 15 दुर्घटनाओं या गंभीर घटनाओं की जांच की है और 300 रिपोर्ट की गई घटनाओं के वर्गीकरण देखें हैं। उनके पास एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग में विशेषज्ञता के साथ मैकेनिकल इंजीनियरिंग में स्नातक और MBA की डिग्री है। उन्हें वायुसेना की संपत्तियों से संबंधित परामर्श, सलाहकार और परिचालन भूमिकाओं में 25 वर्षों का अनुभव है।
जांच
कई विमान हादसों की जांच कर चुके हैं लार्हगा
10 सालों से AAIB से जुड़े लार्हगा ने 2020 कोझिकोड एयर इंडिया एक्सप्रेस दुर्घटना सहित कई विमान दुर्घटनाओं की जांच में अहम भूमिका निभाई है। उनके करियर में नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA), विमानन नियामक के साथ पवन हंस और हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड में भी कार्य शामिल है। AAIB और DGCA में उन्होंने 2016 में गोवा में जेट एयरवेज रनवे एक्सिट्रक्शन और 2019 में मैंगलोर हवाई अड्डे पर एयर इंडिया एक्सप्रेस टैक्सीवे दुर्घटना जैसी घटनाओं की जांच में योगदान दिया है।
अनुभव
वरकोठ को है 15 साल का अनुभव
वर्तमान में DGCA के मुंबई कार्यालय में वायु सुरक्षा के सहायक निदेशक के रूप में कार्यरत वरकोठ को विमानन नियामक के साथ 15 वर्षों से अधिक का अनुभव है। उनकी लिंक्डइन प्रोफाइल के अनुसार, उन्होंने इससे पहले लगभग उतनी ही अवधि तक वायु सुरक्षा अधिकारी के रूप में कार्य किया था, जितना उन्होंने DGCA के लिए किया है। वह अहमदाबाद विमान हादसे की जांच में प्रमुख सहयोगी है और रिपोर्ट में उनके विश्लेषणों को भी महत्व दिया गया है।
अन्य
वीरारागवन और विजयकुमार को भी है अच्छा अनुभव
वरकोठ के सहयोगी वीरारागवन लगभग 4 वर्षों तक वायु सुरक्षा के सहायक निदेशक के रूप में कार्यरत हैं। वह 9 वर्षों तक दिल्ली में वायु सुरक्षा अधिकारी के रूप में कार्यरत रहे है। वह चेन्नई स्थित टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) में विश्लेषण इंजीनियर भी रह चुके हैं। इसी तरह DGCA में सेवारत वायु सुरक्षा अधिकारी वैष्णव विजयकुमार विमान दुर्घटनाओं और विमानन क्षेत्र से जुड़ी अन्य गंभीर घटनाओं से संबंधित कई जांचों में शामिल रहे हैं।
हादसा
हादसे में मारे गए थे 275 लोग
12 जून को अहमदाबाद से लंदन जा रहा एयर इंडिया का विमान AI-171 बीजे मेडिकल कॉलेज से टकराकर दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। हादसे में गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री विजय रुपाणी समेत 230 यात्री, 2 पायलट और 10 चालक दल के सदस्यों की मौत हो गई थी। केवल एक यात्री बचा था। विमान के अलावा मेडिकल कॉलेज के छात्रावास और आसपास भी 30 लोगों की जान गई थी। हादसे की जांच चल रही है।