बजट: लड़कियों की शादी की उम्र की होगी समीक्षा, जानें महिलाओं के लिए और क्या-क्या
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज लोकसभा में बजट पेश किया और इसमें हर वर्ग को कुछ न कुछ देने की कोशिश की गई है। बजट में महिलाओं के लिए भी खास प्रावधान किए गए हैं जिनमें लड़कियों की शादी की उम्र की समीक्षा करने का ऐलान भी शामिल है। उन्होंने केंद्र सरकार की 'बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ' की सफलताएं भी गिनाईं, जिस पर विपक्ष के सांसदों ने हंगामा किया। आइए आपको इसके बारे में विस्तार से बताते हैं।
'बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ' योजना के आए बहुत अच्छे नतीजे- सीतारमण
अपने बजट भाषण में महिलाओं से संबंधित हिस्से को पढ़ते हुए वित्त मंत्री सीतारमण ने कहा कि 'बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ' योजना के बहुत अच्छे नतीजे आए हैं और स्कूल जाने वाली लड़कियों की संख्या बढ़ी है। उन्होंने कहा कि इस समय शिक्षा के हर स्तर पर लड़कियों के नामांकन का अनुपात लड़कों से ज्यादा है। 'बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ' योजना को सफल बताने पर जब विपक्षी सांसदों ने शोर किया तो उन्होंने कहा कि इसका राजनीतिकरण नहीं होना चाहिए।
लड़कियों की शादी की उम्र की समीक्षा के लिए बनेगी समिति
महिलाओं की शादी और मां बनने की उम्र पर बात करते हुए सीतारमण ने कहा कि लड़कियों की शादी की कानूनी उम्र की समीक्षा करने के लिए एक समिति का निर्माण किया जाएगा। इस समिति को छह महीने के अंदर अपनी रिपोर्ट देनी होगी। इस ऐलान का मकसद महिलाओं को कम उम्र में मां बनने से बचाना है। अगर समिति महिलाओं की शादी की उम्र बढ़ाने का फैसला लेती है तो इससे मां बनने की उम्र में भी वृद्धि आएगी।
महिलाओं से जुड़े कार्यक्रमों को दिए गए 28,600 करोड़ रुपये
महिलाओं से जुड़ी योजनाओं के लिए आवंटन की बात करें तो ऐसे कार्यक्रमों के लिए 28,600 करोड़ रुपये दिए गए हैं। सीतारमण ने कहा कि छह लाख से ज्यादा आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को 10 करोड़ घरों की महिलाओं तक पहुंचने के लिए स्मार्टफोन दिए गए हैं।