
गूगल दक्षिण भारत के डाटा सेंटर में करेगी 500 अरब रुपये का निवेश
क्या है खबर?
गूगल भारत में एक बड़े निवेश की योजना बना रही है। रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार, गूगल आंध्र प्रदेश के विशाखापत्तनम में 1 गीगावाट क्षमता वाला डाटा सेंटर और उससे जुड़ा बिजली अवसंरचना विकसित करने के लिए 6 अरब डॉलर (लगभग 500 अरब रुपये) खर्च करेगा। यह भारत में कंपनी का पहला इस तरह का निवेश होगा। इस परियोजना में लगभग 180 अरब रुपये लागत से अक्षय ऊर्जा स्रोत भी शामिल होगा, जिससे डाटा सेंटर को बिजली मिल सकेगी।
लक्ष्य
हरित ऊर्जा और विस्तार का लक्ष्य
गूगल का यह डाटा सेंटर एशिया में कंपनी के सबसे बड़े निवेशों में से एक होगा। इसका उद्देश्य सिंगापुर, मलेशिया और थाईलैंड जैसे देशों में डाटा नेटवर्क का विस्तार करना है। कंपनी का फोकस इस केंद्र को अक्षय ऊर्जा से संचालित करने पर भी है। अप्रैल में गूगल की पेरेंट कंपनी अल्फाबेट ने बताया था कि वह वैश्विक टैरिफ अनिश्चितता के बावजूद इस साल लगभग 6,500 अरब रुपये डाटा नेटवर्क पर खर्च करेगी।
योजना
आंध्र प्रदेश की तैयारी और योजना
राज्य के IT मंत्री नारा लोकेश ने बताया कि सरकार अब तक कुल 1.6 गीगावाट क्षमता वाले डाटा सेंटर परियोजनाओं को अंतिम रूप दे चुकी है। राज्य का लक्ष्य अगले 5 वर्षों में इसे 6 गीगावाट तक बढ़ाना है। विशाखापत्तनम में केबल लैंडिंग स्टेशनों पर भी काम जारी है, ताकि वैश्विक नेटवर्क से तेज और स्थिर कनेक्टिविटी मिले। ये स्टेशन डाटा को समुद्र के नीचे से प्राप्त कर रिले करते हैं।
अन्य
ऊर्जा जरूरत और स्थिरता का दृष्टिकोण
आंध्र सरकार डाटा सेंटरों के लिए पर्याप्त बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करना चाहती है। अगले 5 सालों में वह 10 गीगावाट क्षमता के ऊर्जा इंफ्रास्ट्रक्चर का निर्माण करना चाहती है, जिसमें ज्यादातर हिस्सा हरित ऊर्जा आधारित होगा। हालांकि, 24 घंटे की बिजली आपूर्ति के लिए कुछ हिस्सों में कोयले से चलने वाली बिजली का भी उपयोग किया जाएगा। सरकार इसे राज्य का अनूठा मूल्य प्रस्ताव मानती है, जिससे निवेशकों को आकर्षित किया जा सकेगा।