
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का पॉडकास्ट: आतंकवाद, पाकिस्तान और डोनाल्ड ट्रंप समेत किन मुद्दों पर क्या-क्या कहा?
क्या है खबर?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिकन आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (AI) शोधकर्ता लेक्स फ्रिडमैन के साथ 3 घंटे का पॉडकास्ट किया है।
इसमें प्रधानमंत्री ने पाकिस्तान, चीन, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप, आतंकवाद, विश्व राजनीति, खेल और अपने निजी जीवन से जुड़े कई सवालों के जवाब दिए।
प्रधानमंत्री ने पाकिस्तान के साथ संबंधों को लेकर कहा कि हमें पाकिस्तान से अच्छी शुरुआत की उम्मीद थी, लेकिन उधर से नकारात्मक जवाब ही आया। उन्होंने आतंकवाद को लेकर भी पाकिस्तान को घेरा।
पाकिस्तान
प्रधानमंत्री बोले- पाकिस्तान ने हमेशा धोखा दिया
प्रधानमंत्री ने कहा, "पाकिस्तान के साथ शांति के प्रयासों के लिए मैं खुद लाहौर गया था। प्रधानमंत्री बनने के बाद मैंने शपथ समारोह में पाकिस्तान को विशेष आमंत्रण दिया, ताकि शुभ शुरुआत हो, लेकिन हर बार अच्छे प्रयासों का परिणाम नकारात्मक निकला। हम उम्मीद करते हैं कि उनको सद्बुद्धि मिलेगी और वो शांति का रास्ता अपनाएगा। वहां की आवाम भी नहीं चाहती होगी कि ऐसी जिंदगी जिएं।
आतंकवाद
प्रधानमंत्री ने आतंकवाद को लेकर पाकिस्तान पर निशाना साधा
प्रधानमंत्री ने कहा, "दुनिया में कहीं पर भी आतंकवादी घटना घटती है तो कहीं न कहीं पाकिस्तान का नाम सामने आता है। अमेरिका में 9/11 की बड़ी घटना हुई। इसका मुख्य सूत्रधार ओसामा बिन लादेन पाकिस्तान में शरण लेकर बैठा था। दुनिया पहचान गई कि पाकिस्तान परेशानी का केंद्र बन चुका है।"
उन्होंने आगे कहा, "हम कह रहे हैं कि आप आतंकवाद के रास्ते को छोड़ दीजिए। सब कुछ आतंकवादियों के हाथ में छोड़ दिया है, इससे किसका भला होगा।"
डोनाल्ड ट्रंप
डोनाल्ड ट्रंप साहसी, अपने फैसले खुद लेते हैं- प्रधानमंत्री मोदी
प्रधानमंत्री ने कहा, "ह्यूस्टन में हाउडी मोदी कार्यक्रम था। मैं भाषण दे रहा था। ट्रंप सुन रहे थे। यह उनका बड़प्पन है। मैं भाषण देने के बाद ट्रंप के पास गया और उनसे कहा कि क्यों न हम एक साथ स्टेडियम का चक्कर लगाएं। ये बात आपके लिए असंभव सी है कि राष्ट्रपति की भीड़ में चले, लेकिन ट्रंप बिना एक पल इंतजार किए मेरे साथ चल पड़े। ट्रंप के पास साहस है और वो अपने फैसले खुद लेते हैं।"
चीन
चीन को लेकर प्रधानमंत्री ने क्या कहा?
चीन को लेकर प्रधानमंत्री ने कहा, "राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ मेरी बैठक के बाद हमने सीमा पर सामान्य स्थिति की वापसी देखी है। हम 2020 से पहले के स्तर पर स्थितियों को बहाल करने के लिए काम कर रहे हैं। विश्वास में समय लगेगा, लेकिन हम बातचीत के लिए प्रतिबद्ध हैं। उन्होंने संघर्ष के बजाय स्वस्थ प्रतिस्पर्धा की आवश्यकता पर भी जोर दिया। 21वीं सदी एशिया की सदी है। भारत-चीन को स्वाभाविक रूप से प्रतिस्पर्धा करनी चाहिए, टकराव नहीं।"
युद्ध
प्रधानमंत्री ने कहा- मैं पुतिन और जेलेंस्की से बात कर सकता हूं
प्रधानमंत्री ने कहा, "मेरे रूस के साथ ही घनिष्ट संबंध हैं और यूक्रेन के साथ मेरे घनिष्ठ संबंध हैं। मैं राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ बैठकर कह सकता हूं कि यह युद्ध का समय नहीं है और मैं राष्ट्रपति वोलोडिमीर जेलेंस्की से भी मित्रवत तरीके से कहता हूं कि भाई, दुनिया कितनी भी आपके साथ क्यों न खड़ी हो जाए, युद्ध से कभी समाधान नहीं निकलेगा। समाधान तभी निकलेगास जब यूक्रेन और रूस दोनों बातचीत की मेज पर आएंगे।
गुजरात दंगे
गुजरात दंगों को लेकर प्रधानमंत्री ने क्या कहा?
प्रधानमंत्री ने कहा कि 2002 के गुजरात दंगे को बहुत बड़ा दंगा बताकर भ्रम फैलाया गया, जबकि इससे पहले भी गुजरात में दंगे होते रहते थे।
उन्होंने कहा, "2002 से पहले के आंकड़े देखें तो पता चलता है कि गुजरात में कितने दंगे होते थे। हमेशा कहीं कर्फ्यू लग जाता था। पतंगबाजी या साइकिल टक्कर से दंगे हो जाते थे। 2002 से पहले गुजरात में 250 से ज्यादा बड़े दंगे हुए थे।"