
भारत में वांछित आतंकियों की पाकिस्तान में रहस्यमी हत्या, क्यों नहीं पकड़ा गया एक भी आरोपी?
क्या है खबर?
भारत में वांछित आतंकियों की पाकिस्तान में रहस्यमयी तरीके से मौतें हो रही हैं।
गत 15 मार्च को लश्कर-ए-तैयबा (LeT) के चीफ ऑपरेशनल कमांडर अबू कताल उर्फ फैसल नदीम की पंजाब प्रांत के झेलम जिले में गोली मारकर हत्या कर दी गई।
साल 2023 से ही भारत में वांछित आतंकियों की पाकिस्तान में इसी तरह से अज्ञात हमलावरों द्वारा हत्या किए जाने की खबरें आ रही हैं, लेकिन पाकिस्तानी सुरक्षा एजेंसियां आज तक कोई हमलावर नहीं पकड़ सकी हैं।
जानकारी
समान रहा है वांछित आतंकियों की हत्या का तरीका
रिपोर्ट्स के अनुसार, पाकिस्तान की जमीं पर मारे गए भारत में वांछित आतंकियों की हत्या का तरीका लगभग समान ही रहा है। इसमें अज्ञात वाहन सवारों (आमतौर पर बाइक पर) द्वारा किए गए हमले शामिल हैं, जो आतंकियों के शरीर में कई गोलियां दागते हैं।
#1
आतंकी कताल की कैसे हुई हत्या?
खुफिया एजेंसियों के अनुसार, आतंकी कताल शनिवार शाम 7 बजे काफिला दीना पंजाब विश्वविद्यालय के बगल में जीनत होटल के पास से गुजर रहा था। उसी दौरान बाइक सवार अज्ञात हमलावरों ने 15-20 राउंड गोलीबारी कर उसकी और उसके सुरक्षा गार्ड की हत्या कर दी।
43 वर्षीय कताल लश्कर प्रमुख हाफिज सईद का भतीजा था। उसने जम्मू-कश्मीर में कई आतंकवादी हमलों को अंजाम देने में अहम भूमिका निभाई थी। वह पाक अधिकृत कश्मीर (PoK) में बैठकर हमले करवाता था।
#2
शेख जमील-उर-रहमान की हत्या का तरीका भी अज्ञात
मार्च 2024 में एक अन्य पाकिस्तान स्थित आतंकी और यूनाइटेड जिहाद काउंसिल के स्वयंभू महासचिव शेख जमील-उर-रहमान की खैबर पख्तूनख्वा के एबटाबाद में रहस्यमय परिस्थितियों में हत्या हुई थी।
बड़ी बात यह है कि उसकी हत्या करने वाले हमलावर और हत्या तरीका आज भी अज्ञात है।
अक्टूबर 2022 में भारतीय गृह मंत्रालय ने उसे आतंकवादी घोषित किया था। वह कश्मीर के पुलवामा का मूल निवासी था और कश्मीर में कई आतंकी हमलों को अंजाम देकर पाकिस्तान चला गया था।
#3
पठानकोट हमले के मास्टरमाइंट शाहिद लतीफ की भी हुई रहस्यमयी हत्या
अक्टूबर 2023 में जैश-ए-मोहम्मद (JeM) के आतंकवादी शाहिद लतीफ की सियालकोट में 3 अज्ञात बाइक सवार हमलावरों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी।
भारतीय अधिकारियों के अनुसार, 43 वर्षीय लतीफ 1994 से 2010 तक जम्मू जेल में रहा था और सजा पूरी होने के बाद JeM में शामिल हो गया।
वह पठानकोट हमले का मास्टरमाइंड था। भारत सरकार ने उसे वांछित आतंकवादी घोषित कर रखा था। उसकी हत्या आज भी राज है और हमलावर गिरफ्त से बाहर हैं।
#4
आतंकी दाऊद मलिक की कैसे हुई थी हत्या?
अक्टूबर 2023 में ही भारत के मोस्ट वांटेड आतंकवादी मौलाना मसूद अजहर के सहयोगी दाऊद मलिक की अज्ञात नकाबपोश बंदूकधारियों ने उत्तरी वजीरिस्तान में एक निजी क्लिनिक में गोली मारकर हत्या कर दी थी।
मलिक ने कथित तौर पर लश्कर-ए-जब्बार की स्थापना की, जो एक गुप्त धार्मिक आतंकवादी संगठन है जिसे लश्कर-ए-झांगवी के नाम से भी जाना जाता है।
इस संगठन ने 2016 में बलूचिस्तान में कई आतंकी हमलों को अंजाम देकर 60 लोगों की हत्या की थी।
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आतंकी जियाउर रहमान और अबू कासिम कश्मीरी की हत्या
सितंबर 2023 को कराची में 2 मोटरसाइकिल सवार हमलावरों ने मौलाना जियाउर रहमान की गोली मारकर हत्या कर दी। वह युवाओं को हथियार उठाने और भारत के खिलाफ जिहाद करने के लिए कट्टरपंथी बनाने में शामिल था।
इसी तरह, रियाज अहमद के नाम से मशहूर अबू कासिम कश्मीरी की सितंबर 2023 में रावलकोट क्षेत्र में अज्ञात लोगों ने हत्या की थी। जम्मू निवासी कश्मीर को राजौरी के ढांगरी हमले का साजिशकर्ता माना जाता था, जिसमें 7 लोग मारे गए थे।
#7
खालिस्तानी आतंकवादी परमजीत सिंह पंजवार की हत्या
मई 2023 में लाहौर में 2 अज्ञात बंदूकधारियों ने पाकिस्तान स्थित खालिस्तानी आतंकवादी परमजीत सिंह पंजवार की गोली मारकर हत्या कर दी।
प्रतिबंधित संगठन खालिस्तान कमांडो फोर्स (KCF) के नेता की भारत में पंजाब पुलिस कई हत्याओं के सिलसिले में तलाश कर रही थी, जिनमें 1988 में मेजर जनरल बीएन कुमार (सेवानिवृत्त) की हत्या, 1989 में पटियाला के थापर इंजीनियरिंग कॉलेज में 19 छात्रों की हत्या और 1989 में राजन बैंस की अपहरण कर हत्या शामिल थीं।
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आतंकी सरदार हुसैन आरैन और बशीर अहमद पीर की हत्या
हाफिज सईद के सहयोगी सरदार हुसैन आरैन की 1 अगस्त, 2023 को शहीद बेनजीराबाद जिले के काजी अहमद कस्बे में हत्या कर दी गई थी। उसकी हत्या की जिम्मेदारी सिद्धूदेश क्रांतिकारी सेना (SRA) ने ली थी। अरैन JUD के मदरसा नेटवर्क के लिए जिम्मेदार था।
इसी तरह, हिजबुल मुजाहिदीन के बशीर अहमद पीर उर्फ इम्तियाज आलम की अज्ञात लोगों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। वह नियंत्रण रेखा (LoC) के जरिए जम्मू-कश्मीर में आतंकवादी भेजता था।
सवाल
आतंकवादियों की हत्याएं क्या खड़े करती हैं सवाल?
भारत में वांछित आतंकियों की पाकिस्तान में हुई इन हत्याओं में न तो किसी हमलावर की पहचान हो पाई और न ही किसी की गिरफ्तारी हो पाई है।
बड़ा सवाल यह है कि भारत में वांछित आतंकियों की हत्या करने वाले हमलावर अपनी चौकसी से सुरक्षा एजेंसियों से बचे हैं या फिर इनमें सुरक्षा एजेंसियों का ही हाथ है।
विशेषज्ञों का दावा है कि भारत के हाथ पकड़े जाने से बचने के लिए एजेंसियां खुद आतंकियों का शिकार कराती है।