ऑनलाइन गेमिंग कंपनियों से संबंधित नए नियमों का ड्राफ्ट जारी, जानिए क्या-क्या प्रावधान हैं
क्या है खबर?
केंद्र सरकार ने ऑनलाइन गेमिंग कंपनियों से संबंधित नए नियमों का ड्राफ्ट जारी कर दिया है। सरकार ने ड्राफ्ट में इन कंपनियों के लिए एक सेल्फ-रेगुलेटरी सिस्टम बनाए जाने के साथ-साथ भारत में स्थित उनके पते का सत्यापन अनिवार्य करने का प्रावधान रखा है।
नए नियमों के ड्राफ्ट के मुताबिक, ऑनलाइन गेमिंग कंपनियों को सूचना प्रौद्योगिकी (IT) अधिनियम के दायरे के तहत भी लाया जाएगा।
आइए इन नियमों के बारे में विस्तार से जानते हैं।
प्रावधान
ड्राफ्ट में रजिस्ट्रेशन के क्या प्रावधान हैं?
ड्राफ्ट के अनुसार, ऑनलाइन गेमिंग कंपनियों को सेल्फ-रेगुलेटरी बॉडी के पास रजिस्ट्रेशन करवाना होगा। यह बॉडी ऑनलाइन गेम्स की पेशकश करने वाली कंपनियों का रजिस्ट्रेशन उनकी योग्यता के आधार पर करेगी।
बॉडी द्वारा अनुमति प्राप्त गेम्स ही भारत में चल सकेंगे।
इसके साथ ही य़ह रेगुलेटरी बॉडी शिकायत निपटान व्यवस्था के जरिये आने वाली शिकायतों का निपटारा भी करेगी।
इसमें ऑनलाइन गेमिंग, सार्वजनिक नीति, IT, मनोविज्ञान और चिकित्सा समेत विभिन्न क्षेत्रों के सदस्य होंगे।
अन्य प्रावधान
ड्राफ्ट में अन्य क्या प्रावधान हैं?
ड्राफ्ट में ऑनलाइन गेमिंग कंपनियों के लिए जांच-परख संबंधी कई प्रावधान किए गए हैं।
कंपनियों को पैसे की निकासी और रिफंड की पारदर्शी व्यवस्था बनानी होगी और जीती हुई राशि का उचित वितरण सुनिश्चित करना होगा। उसे शुल्कों के बारे में भी बताना होगा।
इसके अलावा ऑनलाइन गेम खेल रहे सभी गेमर्स से KYC प्रक्रिया भी पूरी करवानी होगी। उन्हें भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा तय नियमों के अनुसार ये KYC करवानी होगी।
कंटेंट
गेम्स के कंटेंट पर रहेगी सरकार की नजर
सरकार द्वारा तैयार किए गए ड्राफ्ट के मुताबिक, ऑनलाइन गेम्स में ऐसा कुछ भी नहीं होना चाहिए जो भारत की संप्रभुता और अखंडता, विदेशी राज्यों के साथ मैत्रीपूर्ण संबंध और सार्वजनिक व्यवस्था के खिलाफ किसी भी भावना को दर्शाता हो।
इन गेम्स में किसी भी प्रकार की हिंसा, लत या यौन संबंधी कंटेंट नहीं होना चाहिए। बता दें कि सरकार इन गेम्स के कंटेंट को रेगुलेट करने के बारे में सोच रही है।
नियुक्ति
गेमिंग कंपनियों को इन अधिकारियों को करना होगा नियुक्त
ऑनलाइन गेमिंग कंपनियों को सोशल मीडिया और ई-कॉमर्स कंपनियों की तरह एक अनुपालन अधिकारी भी नियुक्त करना होगा, जो यह सुनिश्चित करेगा कि गेमिंग प्लेटफॉर्म सरकार द्वारा तय किए गए मानदंडों का पालन कर रहा है या नहीं।
इसके अलावा सरकार के साथ संपर्क अधिकारी के रूप में कार्य करने और कानून प्रवर्तन एजेंसियों की सहायता करने के लिए नोडल अधिकारी और यूजर्स की शिकायतों का समय पर निवारण करने के लिए शिकायत निवारण अधिकारी की नियुक्ति भी करनी होगी।
अनिवार्यता
कंपनियों के लिए जरूरी होंगे कुछ प्रमाण पत्र
नए नियमों के ड्राफ्ट के अनुसार, ऑनलाइन गेमिंग कंपनियों को एक रैंडम नंबर जनरेशन प्रमाण पत्र दिखाना जरूरी होगा। इससे सुनिश्चित होगा कि गेम्स के परिणाम सांख्यिकीय रूप से अप्रत्याशित हैं। कंपनियों को 'नो बोट प्रमाण पत्र' भी प्राप्त करना होगा।
ड्राफ्ट के अनुसार, गेम्स के परिणाम पर दांव लगाने की अनुमति नहीं दी जाएगी। इसी के साथ एक से अधिक सेल्फ-रेगुलेटरी बॉडी भी बनाई जा सकती हैं।
मकसद
ऑनलाइन गेमिंग से होने वाली कमाई का पता लगाना चाहती है सरकार
ऑनलाइन गेमिंग के लिए IT मंत्रालय से सर्टिफिकेट लेना होगा। कोई भी ऑनलाइन गेमिंग करके कमाई नहीं कर पाएगा। अगर बिना इजाजत के ऑनलाइन गेमिंग से कमाई का ऑफर दिया जाता है तो उसे सट्टेबाजी माना जाएगा।
बता दें कि सरकार ऑनलाइन गेमिंग से होने वाली कमाई का ब्यौरा चाहती है, जिससे टैक्स चोरी को पकड़ा जा सके। अभी नियमों के अभाव में पता लगाना मुश्किल है कि आखिर ऑनलाइन गेमिंग से कितनी कमाई हो रही है।
राजस्व
भारत में ऑनलाइन गेमिंग उद्योग का कितना राजस्व है?
इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, भारतीय मोबाइल गेमिंग उद्योग का कुल राजस्व 2025 में 5 अरब डॉलर (41,386 करोड़ रुपये) तक पहुंचने की उम्मीद है।
इस उद्योग की कंपाउंड वार्षिक ग्रोथ रेट (CAGR) 2017 से 2020 के बीच भारत में 38 प्रतिशत रही, जबकि चीन में यह 8 प्रतिशत और अमेरिका में 10 प्रतिशत बढ़ी।
एक रिपोर्ट के अनुसार, 2024 तक राजस्व की CAGR 15 प्रतिशत बढ़कर 153 अरब रुपये तक पहुंचने की उम्मीद है।
बयान
नियमों को लेकर सरकार ने क्या कहा?
केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक और सूचना और प्रौद्यौगिकी राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने बताया कि ऑनलाइन गेमिंग नियम फरवरी की शुरुआत में तैयार हो जाएंगे।
उन्होंने कहा कि नियमों के ड्राफ्ट में तय सिद्धांतों के तहत ऑनलाइन गेमिंग कंपनियों को गेम्स के नतीजों पर दांव लगाने की अनुमति नहीं होगी।
उन्होंने आगे कहा कि इन नियमों का मकसद ऑनलाइन गेमिंग क्षेत्र को बढ़ावा देना और इनोवेशन के लिए प्रोत्साहित करना है।
जानकारी
सरकार ने लोगों से मांगे सुझाव
केंद्र सरकार ने लोगों से ऑनलाइन गेमिंग से जुड़े नियमों के इस ड्राफ्ट पर 17 जनवरी तक अपनी राय देने को कहा है। इसके बाद फरवरी की शुरुआत में इन नए नियमों के तैयार हो जाने की उम्मीद है।