विशाखापट्टनम: 6 बातें जो आंध्र प्रदेश की नई राजधानी को बनाती हैं खास
आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी ने विशाखापट्टनम को नई राजधानी बनाने का ऐलान किया है। उन्होंने दिल्ली में हुई एक अंतरराष्ट्रीय राजनयिक गठबंधन बैठक में यह घोषणा की। 2019 में सत्ता में आने के बाद जगन रेड्डी ने पहले आंध्र प्रदेश की तीन राजधानियां बनाने का प्रस्ताव रखा था, लेकिन सरकार ने आखिरकार विशाखापट्टनम को राजधानी बनाने की घोषणा की है। आइए विशाखापट्टनम के बारे में दिलचस्प बातें जानते हैं।
दो बड़े बंदरगाहों वाला देश का एकमात्र शहर
देश में विशाखापट्टनम एकमात्र ऐसा शहर है, जहां देश के दो बड़े बंदरगाह मौजूद हैं। साल 1933 में यहां विजाग बंदरगाह को खोला गया था और यह बंदरगाह कार्गो की मात्रा के मामले में साल 2022 में भारत के शीर्ष पांच बंदरगाहों में शामिल रहा था। विशाखापट्टनम के दूसरे गंगावरम बंदरगाह का उद्घाटन 2009 में किया गया था और 21 मीटर की गहराई के साथ यह भारत का सबसे गहरा बंदरगाह है।
विशाखापट्टनम में INS कर्ण में पहली इनडोर शूटिंग रेंज
पिछले साल अगस्त में विशाखापट्टनम के पूर्वी समुद्र तट पर भारतीय नौसेना के जहाज कर्ण (INS कर्ण) पर भारत की पहली कंपोजिट इनडोर शूटिंग रेंज (CISR) स्थापित की गई थी, जो अत्याधुनिक हथियारों और एडवांस लर्निंग सॉफ्टवेयर से लैस है। इसका उद्घाटन पूर्वी नौसेना कमान के फ्लैग ऑफिसर और कमांडिंग इन चीफ वाइस एडमिरल बिस्वजीत दासगुप्ता ने किया था। यह पूर्वी समुद्र तट (ENS) के प्रमुख तीन ठिकानों में से एक है और यहां इसका मुख्यालय भी है।
पूर्वा तट का गहना कहा जाता है विशाखापट्टनम
विशाखापट्टनम भारत के पूर्वी तट और बंगाल की खाड़ी के बीच बसा है। दक्षिण भारत का सबसे बड़ा बंदरगाह होने के कारण इसे 'पूर्वी तट का गहना' भी कहा जाता है। आंध्र प्रदेश की राजधानी घोषित होने के बाद इसका महत्व अब और भी बढ़ जाएगा। इस पहले विशाखापट्टनम अपने सुंदर समुद्र तटों, संग्रहालयों और मंदिरों के कारण पर्यटकों के बीच आकर्षण का केंद्र बना रहता था। यह आंध्र प्रदेश का सबसे बड़ा शहर भी है।
विशाखापट्टनम में दुनिया का दूसरा पनडुब्बी संग्रहालय
विशाखापट्टनम में दुनिया का दूसरा पनडुब्बी संग्रहालय भी है। 2002 में तत्कालीन मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू ने राम कृष्णा समुद्री तट को एक पनडुब्बी संग्रहालय में परिवर्तित कर दिया था। बता दें कि साल 1969 में भारतीय नौसेना द्वारा खरीदी गई पहली चार पनडुब्बियों में से एक INS कुरसुरा ने 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी और इसे 2001 में सेवामुक्त कर दिया गया था। इसे इस संग्रहालय में जगह दी गई है।
भारत का सबसे पुराना शिपयार्ड भी विशाखापट्टनम में
विशाखापट्टनम में 1941 में स्थापित हिंदुस्तान शिपयार्ड लिमिटेड देश भारत का पहला और सबसे पुराना शिपयार्ड है। इसने पिछली जुलाई में वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए 759 करोड़ का कारोबार किया था। इसके अलावा सितंबर, 2022 में कंपनी ने दो डाइविंग सपोर्ट वेसल्स INS निस्तार और निपुन को लॉन्च किया था। इस शिपयार्ड में स्थापना के बाद से अब तक 200 जहाजों का निर्माण और 2,000 से ज्यादा जहाजों की मरम्मत का काम हो चुका है।
विशाखापट्टनम में हुआ था परमाणु ऊर्जा से चलने वाली पहली पनडुब्बी का निर्माण
परमाणु ऊर्जा से चलने वाली देश की पहली पनडुब्बी 'INS अरिहंत' का निर्माण भी विशाखापट्टनम में हुआ है। साल 2009 में तत्कालीन प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह ने विजय दिवस पर इसके परीक्षण कार्यक्रम को लॉन्च किया था। विशाखापट्टनम के एडवांस टेक्नोलॉजी वेसल (ATV) से बनीं पनडुब्बी INS अरिहंत परमाणु हथियारों को दागने में सक्षम है और इसका परीक्षण कार्यक्रम पूरा होने बाद 2016 में इसे नौसेना में शामिल किया गया था।