उत्तराखंड हाई कोर्ट ने दी चार धाम यात्रा की इजाजत, कोरोना प्रोटोकॉल का करना होगा पालन
उत्तराखंड के नैनीताल हाई कोर्ट ने बंद पड़ी चार धाम यात्रा को गुरुवार को फिर से शुरू करने की इजाजत दे दी है। इससे चार धाम यात्रा के इंतजार में बैठे लोगों को व्यापारियों के चेहरों पर खुशी की लहर छा गई है। हालांकि, हाई कोर्ट ने यात्रा के लिए कोरोना प्रोटोकॉल का सख्ती से पालन करने तथा किसी भी तरह की लापरवाही नहीं बरतने के निर्देश दिए हैं। इसी तरह यात्रा के लिए लोगों की संख्या भी निर्धारित होगी।
हाई कोर्ट ने 28 जून को लगाई थी यात्रा पर रोक
बता दें कि महामारी की दूसरी लहर के प्रभाव के कम होने के बाद उत्तराखंड सरकार ने यात्रा शुरू करने की अनुमति दी थी, लेकिन कुछ लोगों ने इसके खिलाफ हाई कोर्ट में याचिका दायर कर दी थी। इस पर हाई कोर्ट ने 28 जून को यात्रा पर रोक लगा दी थी। कोर्ट ने कहा था कि चार धाम यात्रा में पड़ने वाले जिलों में अच्छी स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी के कारण तीसरी लहर का खतरा बढ़ सकता है।
चार धाम यात्रा पर रोक से लोगों में थी नाराजगी
चार धाम यात्र पर रोक की वजह से लोगों में काफी नाराजगी थी। यह यात्रा करीब 10 लाख परिवारों के चूल्हे में ईंधन का काम करती है और इससे करीब 12,000 करोड़ रुपये का कारोबार होता है। इसी यात्रा से लाखों लोगों का परिवार पलता है। लोग बार-बार यात्रा शुरू करने की अनुमति मांग रहे थे। वहीं कांग्रेस ने भी सरकार को आड़े हाथों लेकर लोगों की रोजी-रोटी पर संकट खड़ा करने का आरोप लगाया था।
महाधिवक्ता बाबुलकर ने भी हाई कोर्ट से किया यात्रा की अनुमति देने का अनुरोध
लोगों के विरोध के बीच गत दिनों महाधिवक्ता एस एन बाबुलकर ने भी हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश आर एस चौहान और न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ के सामने प्रस्तुत होकर मौखिक रूप से चार धाम यात्रा पर लगी रोक हटाने का अनुरोध किया था। उन्होंने कहा कि चार धाम यात्रा से लाखों लोगों की आजीविका जुड़ी हुई है। इसके बंद होने से लोगों की रोजी-रोटी पर खतरा आ गया है। इसके बाद हाई कोर्ट ने अनुमति दे दी।
हाई कोर्ट ने यात्रा को दी सशर्त मंजूरी
नैनीताल हाई कोर्ट ने गुरुवार को मामले में सुनवाई करते हुए यात्रा को सशर्त मंजूरी दे दी है। कोर्ट ने कहा कि चार धाम यात्रा आने वाले यात्रियों के लिए 72 घंटे पहले की RT-PCR निगेटिव रिपोर्ट लानी जरूरी होगा। इसके अलावा उन्हें देहरादून स्मार्ट सिटी पोर्टल और देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड के पोर्टल पर भी अनिवार्य रूप से अपना पंजीयन कराना होगा। इसी तरह यात्रियों को संपूर्ण यात्रा के दौरान कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करना होगा।
हाई कोर्ट ने निर्धारित की यात्रियों की संख्या
हाई कोर्ट ने RT-PCR निगेटिव रिपोर्ट के साथ वैक्सीन की दोनों खुराक लेने का प्रमाण पत्र साथ लाने के भी आदेश दिए हैं। इसी तरह हाई कोर्ट ने केदारनाथ धाम में प्रतिदिन 800, बद्रीनाथ धाम में 1,200, गंगोत्री में 600 और यमुनोत्री धाम में 400 भक्तों को ही दर्शन की अनुमति देने के निर्देश दिए हैं। पिछले साल गंगोत्री में प्रतिदिन 70, यमुनोत्री में 40, केदारनाथ में 180 और बद्रीनाथ में 400 यात्रियों को दर्शन की अनुमति मिली थी।
सरकार ने हाई कोर्ट के फैसले पर जताई खुशी
सरकार ने हाई कोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने का निर्णय किया था, लेकिन अब हाई कोर्ट ने यात्रा की अनुमति दे दी है। इस पर सरकार और लोगों ने खुशी जताई है। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल ने कहा कि वह नैनीताल हाई कोर्ट का तहे दिल से धन्यवाद देते हैं, लेकिन राज्य सरकार को पहले ही इसकी पैरवी करनी चाहिए थी। इसी तरह यात्रा से जुड़े व्यापारियों ने भी खुशी का इजहार किया है।