
उन्नाव रेप केस: तीस हजारी कोर्ट ने आरोपी विधायक सेंगर पर तय किए रेप के आरोप
क्या है खबर?
उन्नाव रेप केस में दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट ने आरोपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर पर आरोप तय कर दिए हैं।
कोर्ट ने सेंगर पर IPC और POCSO कानून के तहत रेप और अन्य मामलों में आरोप तय किए गए हैं।
कोर्ट ने उसके सहयोगी शशि सिंह पर भी आरोप तय किए हैं।
इससे पहले मामले की जांच कर रही केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने कोर्ट को बताया था कि सेंगर पर लगे रेप के आरोप सही हैं।
पृष्ठभूमि
सेंगर पर 2017 में रेप करने का आरोप
सेंगर पर आरोप है कि उसने 2017 में उसके घर नौकरी मांगने आई पीड़िता का रेप किया था।
CBI के अनुसार, सेंगर का सहयोगी शशि सिंह पीड़िता को नौकरी दिलाने के बहाने विधायक के घर लेकर आया, जहां सेंगर ने कमरे में ले जाकर पीड़िता का रेप किया।
एक साल तक इंसाफ के लिए भटकने के बाद पीड़िता और उसकी मां ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के घर के सामने आत्मदाह करने की कोशिश की, जिससे मामला राष्ट्रीय सुर्खियों में आया।
टक्कर
जुलाई में पीड़िता की कार की टक्कर, हालत नाजुक
इस बीच 28 जुलाई को रायबरेली की जेल में बंद अपने चाचा से मिलने जा रही पीड़िता की कार की एक काली नंबर प्लेट वाले ट्रक से टक्कर हो गई।
इस टक्कर में पीड़िता के दो परिजन मारे गए और वह और उसका वकील गंभीर रूप से घायल हुए थे।
दोनों घायलों को अभी दिल्ली के AIIMS में इलाज चल रहा है और उनकी हालत नाजुक बनी हुई है।
पीड़त परिवार ने इसका आरोप भी सेंगर पर लगाया था।
दिल्ली ट्रांसफर
सुप्रीम कोर्ट ने किया था मामलों को दिल्ली ट्रांसफर
टक्कर के बाद मामला एक बार फिर से राष्ट्रीय सुर्खियों में आया और सुप्रीम कोर्ट ने मामले पर सुनवाई की।
कोर्ट ने सुनवाई करते हुए मामले से जुड़े सभी 5 मुकदमों को दिल्ली ट्रांसफर कर दिया था।
अब तीस हजारी कोर्ट ने शुक्रवार को सुनवाई करते हुए सेंगर पर IPC की धारा 120b, 363, 366, 109, 376 (i) और POCSO कानून की धारा 3 और 4 के तहत आरोप तय किए।
शशि सिंह पर भी आरोप तय किए गए।
रोहिणी जेल
सेंगर को भी किया गया दिल्ली की जेल में शिफ्ट
सेंगर को भी उत्तर प्रदेश की सीतापुर जेल से दिल्ली की रोहिणी जेल में शिफ्ट किया गया है।
CBI ने पाया था कि सीतापुर जेल में बंद रहने के दौरान लगभग 10,000 लोगों ने सेंगर से मुलाकात की थी।
इन लोगों में उसके परिजन और रिश्तेदार ही नहीं बल्कि साक्षी महाराज समेत भाजपा के कई नेता और विधायक शामिल हैं।
बड़ी बात ये है कि कई लोग बिना रजिस्टर में एंट्री किए सेंगर से मिलते थे।
जानकारी
अब आगे क्या?
अब तय आरोपों के तहत सेंगर के खिलाफ मुकदमे की सुनवाई शुरू होगी और सभी पक्षों को सुना जाएगा। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने मामले की सुनवाई 45 दिन के अंदर पूरी करने का आदेश दिया है।